नए अध्ययन में पता चला है कि प्लेसेबो प्रभाव, जो दर्द में राहत का अनुभव करने से संबंधित है, डोपामाइन के कारण नहीं होता। यह खोज प्लेसेबो प्रभाव को समझने में महत्वपूर्ण है और चिकित्सा क्षेत्र में नई दिशा प्रदान कर सकती है।
हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया है कि प्लेसेबो प्रभाव, यानी उपचार के दौरान दर्द में राहत का अनुभव करना, डोपामाइन के कारण नहीं होता है। डोपामाइन, जिसे अक्सर ‘खुशी’ के मस्तिष्क के रसायन के रूप में जाना जाता है, का प्लेसेबो प्रभाव पर कोई असर नहीं है।
अधिकांश पूर्व के अध्ययनों ने सुझाव दिया था कि डोपामाइन-आधारित पुरस्कार और सीखने की प्रक्रियाएं प्लेसेबो प्रभाव में योगदान करती हैं। लेकिन जर्मनी के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल एस्सेन के शोधकर्ताओं ने कहा कि डोपामाइन की भूमिका, विशेष रूप से प्लेसेबो प्रभाव को प्रारंभ में उत्पन्न करने और फिर इसे बनाए रखने में, अभी भी अज्ञात है।
अध्ययन की महत्वपूर्ण जानकारी
शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया है कि प्लेसेबो प्रभाव को समझने के लिए हमें डोपामाइन के बजाय अन्य कारकों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यह अध्ययन उन चिकित्सा पद्धतियों के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है जो प्लेसेबो प्रभाव का उपयोग करती हैं।
निष्कर्ष
यह खोज चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि यह प्लेसेबो प्रभाव को समझने और उपयोग करने के तरीकों को फिर से परिभाषित कर सकती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि प्लेसेबो प्रभाव के तंत्र को समझना भविष्य में प्रभावी उपचार विधियों के विकास में सहायक होगा।