आजकल गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण यूरिक एसिड की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर युवा इस समस्या से ज्यादा परेशान हो रहे हैं। ज्यादा मैदा, तेल और मीठी चीजों के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है, जिससे जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है। ऐसे में डाइट पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है।
लौकी का जूस क्यों है फायदेमंद?
योगगुरु स्वामी रामदेव के अनुसार, यूरिक एसिड के मरीजों के लिए लौकी सबसे बेहतरीन सब्जी मानी जाती है। लौकी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, लौकी का जूस यूरिक एसिड को कंट्रोल करने और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में काफी कारगर होता है।
यूरिक एसिड में कैसे काम करता है लौकी का जूस?
- लौकी में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को हाइड्रेट रखती है और यूरिक एसिड क्रिस्टल बनने से रोकती है।
- यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करता है, जिससे किडनी को यूरिक एसिड को फिल्टर करने में आसानी होती है।
- लौकी का जूस वजन कंट्रोल करने में भी मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड के मरीजों को राहत मिलती है।
- यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और पेट को साफ करता है।
कैसे बनाएं लौकी का जूस?
- ताजी लौकी लें और उसे अच्छी तरह धोकर छिलका हटा दें।
- लौकी को छोटे टुकड़ों में काटकर चखें, यदि कड़वी न हो तो ही इस्तेमाल करें।
- मिक्सी में लौकी और थोड़ा पानी डालकर पीस लें।
- इसे कपड़े से छानकर जूस निकाल लें।
- स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नींबू का रस मिला सकते हैं।
कब और कितनी मात्रा में पिएं?
सुबह खाली पेट एक कप ताजा लौकी का जूस पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। यूरिक एसिड के मरीज हफ्ते में 2-3 बार इसका सेवन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
यूरिक एसिड के मरीजों के लिए लौकी का जूस एक प्राकृतिक और कारगर उपाय हो सकता है। अगर इसे सही तरीके से और नियमित रूप से लिया जाए, तो जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है। हालांकि, किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।