सेप्टिसीमिया (Sepsis) एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जिसे रक्त संचार में संक्रमण का फैलना कहा जाता है। यह संक्रमण शरीर के विभिन्न अंगों में फैलकर जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है। इसे “रक्तवहिनी विषाक्तता” भी कहा जाता है, और यह किसी अन्य संक्रमण (जैसे मूत्राशय, फेफड़े, आंत, या त्वचा का संक्रमण) के कारण हो सकता है।
सेप्टिसीमिया के कारण:
- संक्रमण: सेप्टिसीमिया का मुख्य कारण शरीर में किसी भी प्रकार का संक्रमण होता है, जो रक्त में फैलकर पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए, फेफड़ों का संक्रमण (न्यूमोनिया), मूत्राशय का संक्रमण, या आंतों में संक्रमण।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: ऐसे लोग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जैसे वृद्ध लोग, नवजात शिशु, या कैंसर या डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग, उन्हें सेप्टिसीमिया का अधिक खतरा होता है।
- सर्जिकल प्रक्रिया या चोट: सर्जरी या किसी बड़ी चोट के कारण शरीर में बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं, जिससे सेप्टिसीमिया हो सकता है।
सेप्टिसीमिया के लक्षण:
- बुखार, कंपकंपी, ठंड लगना
- तेज़ धड़कन या सांस की तेज़ी
- अत्यधिक थकान या सुस्ती
- उल्टी, दस्त, या पेट में दर्द
- शारीरिक सूजन या लालिमा
- मानसिक स्थिति में बदलाव (जैसे भ्रम या बेहोशी)
इलाज:
- एंटीबायोटिक्स: सेप्टिसीमिया का इलाज मुख्य रूप से एंटीबायोटिक्स द्वारा किया जाता है, जो संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- इन्ट्रावेनस फ्लूइड: रक्तचाप को बनाए रखने के लिए इन्फ्यूजन (IV) फ्लूइड्स दिए जाते हैं।
- ऑक्सीजन थेरेपी: गंभीर मामलों में, ऑक्सीजन की आपूर्ति भी की जा सकती है।
- सर्जरी: कभी-कभी, संक्रमण के स्रोत को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
सेप्टिसीमिया से बचाव:
- समय पर संक्रमण का इलाज करवाएं
- अपनी इम्यूनिटी को मजबूत रखें
- उचित स्वच्छता और व्यक्तिगत देखभाल का पालन करें
- संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीनेशन करवाएं
यदि आपको या किसी अन्य को सेप्टिसीमिया के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह एक जीवन-धातक स्थिति हो सकती है।