आजकल हर घर में प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। चाय पीने से लेकर खाना खाने तक लोग प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग कर रहे हैं। बाजार में मिलने वाले कई फूड आइटम्स भी प्लास्टिक में पैक होकर आते हैं। हालांकि, यह सुविधा जनक लग सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाने से आपकी सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है? यह धीरे-धीरे हमारे शरीर में जहर घोल रहा है। आइए जानते हैं कि प्लास्टिक के बर्तनों में खाने से क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं और इससे बचने के उपाय।
प्लास्टिक से निकलते हैं खतरनाक केमिकल
प्लास्टिक में कई तरह के हानिकारक केमिकल होते हैं, जैसे बिस्फेनॉल ए (BPA) और फथैलेट्स। जब आप गर्म खाना प्लास्टिक के बर्तन में रखते हैं, तो ये केमिकल भोजन में मिल सकते हैं। ये शरीर में हार्मोनल गड़बड़ी कर सकते हैं और हृदय रोग, कैंसर, मोटापा, डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का खतरा
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार, प्लास्टिक के कंटेनर में रखा हुआ खाना सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। प्लास्टिक के डिब्बों में पैक भोजन खाने से कंजेस्टिव हार्ट फेलियर होने का खतरा बढ़ सकता है। इस स्थिति में हृदय शरीर की जरूरत के अनुसार पर्याप्त खून पंप नहीं कर पाता, जिससे शरीर के विभिन्न हिस्सों में खून जमा होने लगता है। यह फेफड़ों, पैरों और पंजों में सूजन का कारण बन सकता है और हार्ट फेलियर की संभावना को बढ़ा सकता है।
आगे पढ़ेकैंसर का खतरा
प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक केमिकल लंबे समय तक शरीर में जमा होते रहते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। खासतौर पर प्लास्टिक के पैकेट में गर्म खाना लाने से यह खतरा और भी बढ़ जाता है।
हार्मोनल असंतुलन
प्लास्टिक में मौजूद जहरीले तत्व शरीर के हार्मोन्स को बिगाड़ सकते हैं। इससे पुरुषों में स्पर्म काउंट घट सकता है, जिससे प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। वहीं, महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
पेट से जुड़ी समस्याएं
अगर आप नियमित रूप से प्लास्टिक के बर्तनों में भोजन करते हैं, तो धीरे-धीरे इसके सूक्ष्म कण शरीर में जमा होने लगते हैं। इससे गैस, एसिडिटी, कब्ज़ और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पर्यावरण के लिए भी खतरनाक
प्लास्टिक न केवल हमारी सेहत के लिए, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहद खतरनाक है। यह सैकड़ों वर्षों तक नष्ट नहीं होता और मिट्टी व जल स्रोतों को दूषित करता है। प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग से प्रदूषण और जल संकट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
प्लास्टिक से बचने के उपाय
- स्टील, कांच और मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करें – खाने-पीने के लिए प्लास्टिक के बजाय स्टेनलेस स्टील, कांच या मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें।
- गर्म भोजन प्लास्टिक में न रखें – गर्म भोजन को प्लास्टिक कंटेनर में रखने से बचें, क्योंकि इससे केमिकल्स का रिसाव बढ़ जाता है।
- बायोडिग्रेडेबल विकल्प अपनाएं – बांस, पेपर या अन्य इको-फ्रेंडली विकल्पों का प्रयोग करें।
- प्लास्टिक पैक्ड भोजन से बचें – बाहर से खरीदे गए प्लास्टिक में पैक भोजन के बजाय घर पर ताजा खाना बनाकर खाएं।
- प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग कम करें – पानी पीने के लिए स्टील या तांबे की बोतलों का उपयोग करें।
निष्कर्ष
प्लास्टिक के बर्तनों में भोजन करना न केवल सेहत के लिए हानिकारक है, बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। इसके उपयोग से बचकर हम न केवल अपनी सेहत की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि धरती को भी प्रदूषण से बचाने में योगदान दे सकते हैं। इसलिए आज ही प्लास्टिक के बर्तनों को त्यागें और प्राकृतिक विकल्पों को अपनाएं।
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