ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक नई मेडिकल तकनीक विकसित की है जो गर्भावस्था के शुरुआती चरण में ही स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का पता लगाने में सक्षम है। क्वींसलैंड विश्वविद्यालय (UQ) की शोध टीम ने “नैनोफ्लॉवर सेंसर” नामक एक उन्नत रक्त परीक्षण तैयार किया है, जिससे गर्भकालीन मधुमेह, समय से पहले जन्म और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं का 11 सप्ताह के भीतर पता लगाया जा सकता है।
जल्दी जांच से कम होंगे जोखिम
इस परीक्षण की मदद से संभावित जटिलताओं का पहले ही पता लगाया जा सकता है, जिससे गर्भवती महिलाओं को समय रहते जरूरी चिकित्सा सहायता मिल सकेगी। यूक्यू सेंटर फॉर क्लिनिकल रिसर्च के वैज्ञानिक कार्लोस सॉलोमन गैलो के अनुसार, यह बायोसेंसर 90% से अधिक सटीकता के साथ जटिलताओं की पहचान करने में सक्षम है।
स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को होगा फायदा
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक नवजात गहन देखभाल इकाइयों (NICU) में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या को कम कर सकती है, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को हर साल लाखों डॉलर की बचत होगी। साथ ही, यह आपातकालीन सिजेरियन डिलीवरी जैसे जटिल गर्भावस्था हस्तक्षेपों को भी रोकने में मदद कर सकता है।
कैसे काम करता है यह परीक्षण?
अध्ययन के सह-लेखक मुस्तफा कमाल मसूद के अनुसार, इस तकनीक में नैनोसेंसर का उपयोग किया गया है, जो रक्त में मौजूद उन सूक्ष्म बायोमार्कर की पहचान करता है जो पारंपरिक परीक्षणों में पकड़ में नहीं आते। इससे पहले के मुकाबले अधिक संवेदनशील और प्रभावी जांच संभव हो पाती है।
प्रसूति देखभाल में क्रांतिकारी बदलाव
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक प्रसूति देखभाल में एक नई क्रांति ला सकती है। यह न केवल मां और शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि डॉक्टरों को भी पहले से सटीक निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इस महत्वपूर्ण खोज से भविष्य में गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।