गुर्दा और किडनी दोनों शब्दों का मतलब एक ही अंग से होता है, और यह शरीर में रक्त से अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त पानी को निकालने का काम करते हैं। इन दोनों शब्दों का उपयोग भारतीय भाषाओं में अलग-अलग संदर्भों में होता है, लेकिन उनके कार्य और संरचना में कोई फर्क नहीं होता। यहां पर विस्तार से जानकारी दी गई है:
1. समानता
- गुर्दा और किडनी दोनों शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं, जो अपशिष्ट पदार्थ, अतिरिक्त पानी, और अन्य अवांछनीय तत्वों को रक्त से निकालने का काम करते हैं।
- इनकी संरचना और कार्य लगभग समान होते हैं। ये दोनों अंग शरीर में तरल पदार्थ का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
- यह रक्त में विषाक्त पदार्थों के स्तर को नियंत्रित करने में भी भूमिका निभाते हैं।
2. भाषाई अंतर
- गुर्दा एक हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में इस्तेमाल होने वाला शब्द है।
- किडनी अंग्रेजी शब्द है, जो चिकित्सा में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयोग होता है।
3. संचालन प्रक्रिया
- गुर्दे (या किडनी) रक्त को फिल्टर करते हैं और अपशिष्ट पदार्थों को मूत्र के रूप में बाहर निकालते हैं। ये अंग शरीर में खनिजों, सोडियम, पोटैशियम, और अन्य तत्वों के संतुलन को नियंत्रित करते हैं।
- गुर्दे में छोटे-छोटे नलिकाएं (nephrons) होती हैं जो रक्त को फिल्टर करती हैं और शरीर को आवश्यक पदार्थों को पुनः अवशोषित करने की सुविधा प्रदान करती हैं।
4. किडनी से संबंधित बीमारियाँ
- गुर्दे की बीमारियाँ जैसे किडनी स्टोन, किडनी फेलियर, हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ से संबंधित समस्याएँ इन अंगों के कार्य को प्रभावित कर सकती हैं।
- किडनी को बचाए रखने के लिए स्वास्थ्यकर आहार, पर्याप्त पानी पीना और नियमित व्यायाम महत्वपूर्ण हैं।
सारांश: गुर्दा और किडनी का फर्क केवल भाषा और संदर्भ का है; ये दोनों शब्द एक ही अंग को दर्शाते हैं।