दिल की धड़कन तेज होने (हृदय गति बढ़ने) के कई कारण हो सकते हैं। इसे सामान्यतः टैकीकार्डिया (Tachycardia) कहा जाता है। यह स्थिति कभी-कभी सामान्य होती है, जैसे व्यायाम के दौरान या तनाव में, लेकिन अगर यह बार-बार या बिना कारण के होती है, तो यह चिंता का विषय हो सकती है। नीचे इससे जुड़े कारण और जानकारी दी गई है:
दिल की धड़कन तेज होने के सामान्य कारण
- शारीरिक गतिविधि: व्यायाम, दौड़ना, या मेहनत का काम करने से हृदय गति बढ़ जाती है।
- तनाव और चिंता: भावनात्मक तनाव, डर, या चिंता के समय शरीर एड्रेनालिन हार्मोन रिलीज करता है, जिससे दिल की धड़कन तेज होती है।
- कैफीन या निकोटीन: चाय, कॉफी, सिगरेट, या एल्कोहल के अधिक सेवन से दिल की धड़कन बढ़ सकती है।
- बुखार: शरीर का तापमान बढ़ने पर हृदय तेजी से धड़कता है।
- डिहाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी होने पर हृदय को अधिक काम करना पड़ता है।
चिकित्सकीय कारण
- एरिदमिया (Arrhythmia): यह हृदय की असामान्य धड़कन है, जिसमें दिल की धड़कन तेज, धीमी या अनियमित हो सकती है।
- थायरॉइड की समस्या: हाइपरथायरायडिज्म में थायरॉइड हार्मोन की अधिकता से दिल की धड़कन बढ़ सकती है।
- दिल की बीमारी: कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट फेलियर या कार्डियोमायोपैथी जैसी स्थितियां।
- एनीमिया (Anemia): खून में ऑक्सीजन की कमी होने पर दिल तेजी से धड़कता है।
- लो ब्लड प्रेशर: जब रक्तचाप अचानक गिरता है, तो दिल की धड़कन तेज हो सकती है।
- संक्रमण: सेप्सिस या संक्रमण के दौरान भी दिल की धड़कन बढ़ जाती है।
लक्षण जो खतरनाक हो सकते हैं
अगर दिल की धड़कन तेज होने के साथ निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- चक्कर आना
- बेहोशी या कमजोरी महसूस होना
- सीने में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
- अत्यधिक पसीना आना
उपचार और रोकथाम
- तनाव कम करें: मेडिटेशन, योग, और रिलैक्सेशन तकनीक का अभ्यास करें।
- संतुलित आहार: कैफीन, चीनी, और अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
- दवाएं: अगर डॉक्टर ने कोई दवा दी है, तो उसे नियमित रूप से लें।
- नियमित चेकअप: समय-समय पर दिल और ब्लड प्रेशर की जांच कराएं।
- शारीरिक व्यायाम: नियमित रूप से हल्के-फुल्के व्यायाम करें।
- धूम्रपान और शराब से बचें: ये हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
- जब दिल की धड़कन तेज होना बार-बार हो और इसका कारण समझ न आए।
- अगर तेज धड़कन के साथ अन्य लक्षण हों, जैसे सांस फूलना या सीने में दबाव।
- अगर यह स्थिति आराम करने के बाद भी ठीक न हो।