हार्वर्ड टीएचचेन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने तीन दशकों तक इस पर शोध किया है. शोध के चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं. इसमें पता चला है कि युवा अवस्था में आपने कैसी डाइट ली है इसका असर बुढ़ापे तक दिखता है.
यदि आप बुढ़ापे में एक स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो जवानी में ही अपने खानपान को नियंत्रित करना होगा. क्योंकि जो भोजन या खाद्य पदार्थ आपने अपनी जवानी में लिए हैं, उनके अनुसार ही आपके शरीर और स्वास्थ्य का निर्माण हो रहा है. वैसे भी हम जैसा खाएंगे वैसा ही असर शरीर पर होगा. तो यदि आप चाहते हैं कि बुढ़ापे में भी आपको कोई बीमारी न हो तो आज से ही अपनी खाने पीने की आदतों में बदलाव कर दीजिए. इसकी शुरुआत युवा अस्वस्था में ही करनी होगी.
हार्वर्ड टीएचचेन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने तीन दशकों तक इस पर शोध किया है. इ सशोध पत्र को नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. शोधकर्ताओं ने इस बात की खोज की है कि 70 वर्ष की आयु में स्वस्थ रहने के लिए जवानी में किया गया खानपान कितना जिम्मेदार है. 30 साल तक चले इस शोध के चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं.
इन बातों को किया गया शोध में शामिल
शोधकर्ताओं ने 40, 50 और 60 वर्ष की आयु वाले एक लाख से अधिक लोगों पर शोध किया. शोध में व्यक्ति के खान पान की आदतों को शामिल किया गया था. हालांकि शोध का मुख्य हिस्सा खान पान ही रहा. शोध में पाया गया कि जो लोग संतुलित आहार ले रहे थे उन्हें अन्य लोगों के मुकाबले बीमारियां न के बराबर थीं.