जिन लोगों को हाई डायबिटीज की समस्या रही है, दवा चल रही है उन्हें अपने घर पर ग्लूकोमीटर जरूर रखना चाहिए। शुगर चेक करने वाली इस मशीन की मदद से ब्लड ग्लूकोज का आसानी से पता लगाने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा नियमित अंतराल पर कुछ और टेस्ट जरूर कराते रहने चाहिए।
डायबिटीज की समस्या दुनियाभर में तेजी से बढ़ती जा रही है। बड़ी संख्या में भारतीय आबादी भी इसका शिकार है। ब्लड शुगर बढ़े रहने वाली ये बीमारी संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली हो सकती है। जिन लोगों का शुगर लेवल अक्सर बढ़ा हुआ रहता है उन्हें समय के साथ आंखों की बीमारी, किडनी फेल होने, पाचन में गड़बड़ी का खतरा अधिक हो सकता है।
अगर आप भी डायबिटीज के शिकार हैं तो नियमित रूप से कुछ जांच कराते रहें जिससे भविष्य में होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को कम किया जा सके।
मधुमेह रोग विशेषज्ञ कहते हैं, समय पर अगर डायबिटीज का निदान हो जाए और दवाइयों के साथ आप अपनी लाइफस्टाइल को ठीक कर लेते हैं तो ये आपको गंभीर समस्याओं से बचे रहने में मदद कर सकती है। इसके साथ डायबिटीज रोगियों को नियमित रूप से कुछ टेस्ट जरूर कराते रहना चाहिए जिससे सेहत को सही अंदाजा लगाया जा सके।
घर पर ही रखें ग्लूकोमीटर
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों को हाई डायबिटीज की समस्या रही है, दवा चल रही है उन्हें अपने घर पर ग्लूकोमीटर जरूर रखना चाहिए। शुगर चेक करने वाली इस मशीन की मदद से ब्लड ग्लूकोज का आसानी से पता लगाने में मदद मिल सकती है। इस मशीन की मदद से कुछ ही सेकेंड्स में जाना जा सकता है कि आपका शुगर लेवल बढ़ या घट तो नहीं गया है?
इसके अलावा डायबिटीज के शिकार सभी लोगों को नियमित अंतराल पर कुछ और टेस्ट जरूर कराते रहने चाहिए।
एचबीए1सी टेस्ट (HbA1c Test)
घर पर ही ग्लूकोमीटर की मदद से आसानी से ये जाना जा सकता है कि आपका शुगर लेवल बढ़ा तो नहीं है? इसके साथ समय-समय पर सभी डायबिटीज रोगियों को एचबीए1सी टेस्ट भी कराते रहना चाहिए। इस टेस्ट की मदद से पिछले 2-3 महीनों में औसत ब्लड शुगर का स्तर कितना रहा है, इसका पता लगाया जा सकता है। आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में है या नहीं ये जानने के साथ लंबी अवधि में डायबिटीज को मैनेज करने में भी इससे मदद मिल सकती है।
किडनी फंक्शन टेस्ट और सी-रिएक्टिव प्रोटीन
- डायबिटीज की समस्या के शिकार लोगों में किडनी की बीमारी होने का खतरा भी अधिक रहता है। किडनी फंक्शन टेस्ट की मदद से किडनी की सेहत पर निगरानी रखी जाती है। अगर इसमें कोई समस्या है तो समय रहते इलाज किया जा सकता है।
- इस टेस्ट के साथ सी-रिएक्टिव प्रोटीन के माध्यम से शरीर में सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध का आकलन किया जाता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम और अन्य संबंधित समस्याओं का समय रहते पता लगाने में मदद मिल सकती है।
- ब्लड प्रेशर टेस्ट
- डायबिटीज अपने साथ कई और बीमारियां भी लेकर आती है। जिन लोगों को हाई डायबिटीज की दिक्कत होती है उनमें हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी अधिक हो सकता है। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच से दिल, किडनी और आंखों को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। यही कारण है कि डायबिटीज के मरीजों को एक समय के बाद ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने की दवाएं खाते रहने की भी सलाह दी जाती है।
- डायबिटीज को नियंत्रण में रखने और इससे जुड़ी जटिलताओं से बचने के लिए नियमित जांच आवश्यक है। इन टेस्ट के माध्यम से समय पर आवश्यक कदम उठाकर मरीज अपनी सेहत को बेहतर बनाए रख सकते हैं और जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
- नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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