स्वास्थ्य विभाग ने लू (हीट स्ट्रोक) से बचाव और उसके उपचार के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
लू के लक्षण:
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- पसीना न आना
- उल्टी
- शरीर में दर्द
- त्वचा का सूखा, गर्म और लाल होना
- चक्कर आना या बेहोशी
बचाव के उपाय:
- अधिक मात्रा में पानी पिएं, भले ही प्यास न लगी हो, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
- हल्के रंग के, सूती और ढीले कपड़े पहनें जो पसीना सोखने में सहायक हों।
- हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करें।
- धूप में निकलते समय सिर को टोपी या छाते से ढकें, आंखों पर सनग्लास पहनें और पैरों में चप्पल या जूते का उपयोग करें।
- खाली पेट धूप में बाहर न निकलें।
- यदि आप बाहर काम करते हैं, तो सिर, चेहरा, हाथ और पैरों को गीले कपड़े से ढककर रखें।
- ओआरएस घोल, लस्सी, नींबू पानी, छाछ, कच्चे आम का पना आदि पेय पदार्थों का सेवन करें।
- तरबूज, खरबूजा, अंगूर जैसे मौसमी फलों का सेवन करें।
क्या न करें:
- शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का सेवन न करें, क्योंकि ये शरीर को निर्जलित कर सकते हैं।
- गहरे रंग के, भारी और तंग कपड़े न पहनें।
- दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच धूप में जाने से बचें।
- भारी शारीरिक श्रम या व्यायाम से बचें, विशेषकर जब तापमान अधिक हो।
लू लगने पर प्राथमिक उपचार:
- पीड़ित व्यक्ति को छायादार और ठंडे स्थान पर लिटाएं।
- उसके शरीर को गीले कपड़े से पोंछें या नहलाएं।
- उसे ठंडे पानी या पेय पदार्थ पिलाएं।
- जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में ले जाएं।
इन दिशा-निर्देशों का पालन करके, आप लू से बचाव कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।