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Saturday, June 14, 2025
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किन बीमारियों में घी का सेवन नहीं करना चाहिये

घी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ बीमारियों में घी का सेवन हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है? लेकिन हर चीज की तरह, इसका सेवन भी कुछ विशेष स्थितियों में हानिकारक हो सकता है। खासकर कुछ बीमारियों में घी का सेवन बहुत ही नुकसानदेह हो सकता है। आइए जानते हैं कि कौन सी बीमारियाँ हैं, जिनमें घी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये जहर जैसा असर कर सकती हैं।

घी का सेवन किन बीमारियों में नहीं करना चाहिए
अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, घी में फैट की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे पाचन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए कमजोर पाचन शक्ति वालों को घी के सेवन से दूर रहना चाहिए। इससे आपको ब्लोटिंग, मतली, और अपच की समस्या हो सकती है।

लिवर से जुड़ी बीमारी में घी खाने से बचें
लिवर से जुड़ी बीमारियों में घी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि घी में ज्यादा फैट होता है, जो लिवर पर ज्यादा दबाव डाल सकता है। लिवर हमारे शरीर में टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और पाचन में मदद करता है। जब लिवर पहले से ही इन्फेक्टेड या कमजोर होता है, तो वह घी जैसी भारी चीजों को पचाने में कठिनाई महसूस करता है। इसलिए, लिवर की बीमारी से जूझ रहे लोगों को हल्का और आसानी से पचने वाला आहार लेना चाहिए, जैसे कि उबली हुई सब्जियां, दालें और ताजे फल, ताकि लिवर पर ज्यादा दबाव न पड़े।

मोटापा
घी में उच्च कैलोरी होती है, और अगर इसे ज्यादा मात्रा में खाया जाए तो यह वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है। मोटापे के रोगियों के लिए यह बहुत हानिकारक हो सकता है क्योंकि घी के सेवन से शरीर में फैट जमा हो सकती है, जिससे मोटापे की समस्या बढ़ सकती है। मोटापे के कारण अन्य बीमारियां जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। मोटापे से जूझ रहे व्यक्ति को घी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए और हेल्दी फैट्स (जैसे एवोकाडो, जैतून का तेल) का चुनाव करना चाहिए।

दिल की बीमारी
घी में सैचुरेटेड फैट होता है, जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को दिल की बीमारी है या वह दिल की बीमारी के खतरे में है, तो घी का अधिक सेवन खतरनाक हो सकता है। यह ब्लड वैसल्स में रुकावट डाल सकता है, जिससे दिल का दौरा या अन्य समस्याएं हो सकती हैं।दिल की बीमारी वाले व्यक्ति को घी के बजाय ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वाले खाद्य पदार्थों जैसे मछली, अखरोट या अलसी के बीज का सेवन करना चाहिए।

डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों को भी घी का सेवन सोच-समझ कर करना चाहिए। घी का अधिक सेवन शरीर में इन्सुलिन का लेवल बढ़ा सकता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल अनियंत्रित हो सकता है। इसके अलावा, घी में कैलोरी की मात्रा भी ज्यादा होती है, जिससे वजन बढ़ सकता है, जो डायबिटीज को और बढ़ा सकता है।

इसलिए, यदि इन बीमारियों से जूझ रहे हैं, तो घी का सेवन सीमित करें और स्वस्थ डाइट खाएं। हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें, ताकि आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें।

नोट : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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