ई दिल्ली: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने होम लोन कंपनी Aviom India Housing Finance को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद कंपनी की दिवालियापन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे पहले, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी।
RBI ने क्यों की थी कार्रवाई?
27 जनवरी को RBI ने Aviom India Housing Finance की गहन जांच की थी, जिसमें पाया गया कि कंपनी अपने भुगतान दायित्वों को पूरा करने में विफल रही है। कई अनियमितताओं का पता चलने के बाद, आरबीआई ने कंपनी के निदेशक मंडल को भंग कर दिया और PNB के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक राम कुमार को प्रशासक नियुक्त किया।
NHB की सिफारिश और NCLT का फैसला
नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने Aviom India Housing Finance के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसके बाद, RBI ने NCLT की नई दिल्ली बेंच में दिवालियापन कार्यवाही के लिए आवेदन दायर किया, जिसे ट्रिब्यूनल ने मंजूरी दे दी।
अब क्या होगा?
- कंपनी को बेचने की प्रक्रिया शुरू होगी।
- तीन सदस्यीय सलाहकार समिति निगरानी करेगी।
- PNB के पूर्व अधिकारी राम कुमार इस प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
क्या होगा ग्राहकों और निवेशकों का?
RBI और NCLT के इस फैसले के बाद, अब Aviom India Housing Finance के ग्राहकों और निवेशकों को नई मालिकाना व्यवस्था का इंतजार करना होगा। दिवालियापन प्रक्रिया के तहत कंपनी की आर्थिक स्थिति को सुधारने और देनदारियों को चुकाने की कोशिश की जाएगी।
बाजार के जानकारों के मुताबिक, इस घटनाक्रम का असर हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर पर भी पड़ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Aviom India Housing Finance को कौन खरीदेगा और कैसे कंपनी का पुनर्गठन होगा।
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