हाल ही में मनोरंजन जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री मीता वशिष्ठ ने इरफान के निधन पर चर्चा की है। मीता वशिष्ठ ने कहा कि उन्हें पहले से ही पता था कि इरफान दुनिया छोड़ देंगे।
इरफान और मीता नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दोस्त हैं। दोनों का संबंध बहुत गहरा था। इरफान की पत्नी सुतपा भी मीता वशिष्ठ की NSD हैं।
इरफान के अंतिम संस्कार में शामिल होने की घटना मीता वशिष्ठ ने इंटरव्यू के दौरान बताई। उनका कहना था, ‘उस वक्त लॉकडाउन हुआ ही था। लोग बहुत भयभीत थे। इरफान और मीता के दोस्त शोक गोरेगांव से आया। इरफान के फ्यूनरल में जाना है न? वह मुझसे पूछा।’ मैंने कहा, ‘बिल्कुल जाना है, कैसे भी’. हम लोग पूरा चेहरा ढंक कर गए, क्योंकि वो लॉकडाउन का पहला फेज था
मीडिया वहाँ खड़ी थी। हमने भी चेहरा नहीं दिखाया। हम कब्रिस्तान वाले से कहते रहे कि हमें छोड़ दें। वह हमारा सहयोगी है। इरफान उस समय बहुत लोकप्रिय था। इरफान से बाहर भी कुछ लोग आ रहे थे। मीडिया उनकी शक्ल देखता है। जिससे मीडिया उत्सुक हो जाता है। हम लोगों ने अपनी शक्ल भी नहीं दिखाई। क्या हम लोग हैं?मीता ने आगे बताया कि उन लोगों ने कब्रिस्तान में कैसे प्रवेश किया। “फाइनली, अशोक जा पाया,” उन्होंने कहा। हम दो घंटे तक खड़े रहे। बहुत धूप थी। हम भी बोल नहीं रहे थे। हम बाहर उपस्थित लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे हमसे मिलें। उन्होंने कहा कि जब अंतिम बैरिकेड हटा, आप जाइए।एक्चुअली कब्रिस्तान में महिलाएं नहीं जा सकती हैं. वहां पर एक ग्रिल थी मुझे दिखा इरफान का ताबूत. वो जा रहा था. मैंने कहा, ‘चलो बाय!’ फिर अचानक पता नहीं कुछ हुआ और सब मुड़ गए. ताबूत मेरे पास से गुजरता हुआ गया. कुछ प्रॉबलम थी. मैं बहुत हंसी…मैने कहा, ‘देख आ गया बाय बोलने’.
मीता ने बताया कि अभिनेता की मौत कुछ सप्ताहों पहले हुई थी। इरफान के निधन के हफ्ते-दस दिन पहले सपने में हमारी बहुत लंबी बात हुई, उन्होंने कहा। ऐसे आया और कहा कि बहुत दिन हो गए। हम नहीं मिले। मैं याद रखता हूँ कि हमने ड्रीम टाइम में ४५ मिनट तक चर्चा की। बहुत हंसते रहे। तथा मेरी आंखें खुलते ही मुझे बहुत शांत महसूस हुआ। बहुत खुश हूँ। मैंने कहा कि ये जाना चाहिए। ये नहीं रहेगा। शायद 1 से 2 दिन में इरफान होगा। मैंने हमारे एक दोस्त से संपर्क किया। जो उनके आसपास है। कई साल से उनके साथ काम करने वाले न्यूमोलॉजिस्ट मैंने उनसे फोन किया, “किधर
मीता वशिष्ठ ने कहा, ‘अनूप से ही पता चलता रहता था, कि वो कहां हैं। उस समय वह बहुत बोलते नहीं थे। मैंने पूछा, “इरफान कैसे हैं?”उसने सही कहा। मैंने कहा, “नहीं, वह बहुत अधिक रहने वाला नहीं है।” वह भाग जाएगा। शायद इस दिन। मैंने कहा, “मैं उससे मिलना चाहता हूँ।” उसने फिर कहा कि वह किसी से नहीं मिलेगा। हमारे पास सिर्फ सुतपा और दोनों बच्चे हैं। उसने खुद को आइसोलेट कर लिया है। वह एक दिन था। लेकिन अगले हफ्ते तक वह चले गए। ऐसे रिश्ते कितने अलग होते हैं।इरफान खान लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। 28 अप्रैल 2020 को उन्हें कोलोन संक्रमण के बाद मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।