छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में नवा रायपुर के राखी थाना क्षेत्र में दो गंभीर धोखाधड़ी की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें जालसाजों ने कुल 32,99,057 रुपये की ठगी की है।
पहली घटना:
पहला पीड़ित, पारस धीवर, ग्राम निमोरा का निवासी है। उन्हें 20 जुलाई 2024 को एक अनजान टेलीग्राम उपयोगकर्ता द्वारा ऑनलाइन काम करने का झांसा दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप उनके और उनके दोस्त के बैंक खातों से 24,12,871 रुपये का गबन हुआ। यह धोखाधड़ी 23 जुलाई से 13 अगस्त 2024 के बीच विभिन्न बैंक खातों में की गई।
दूसरी घटना:
दूसरी घटना में पीडब्ल्यूडी के उपअभियंता चमनलाल साहू को ठगों ने अपना शिकार बनाया। चमनलाल का मोबाइल सिम 24 सितंबर को अचानक बंद हो गया। जब उन्होंने ग्राहक सेवा से संपर्क किया, तो उन्हें ई-सिम प्राप्त करने के लिए कहा गया। जियो स्टोर पर जाकर आधार कार्ड देने पर उन्हें पता चला कि उनका आधार बायोमैट्रिक लॉक हो गया है। बायोमैट्रिक अनलॉक करवाने के बाद, 10 अक्टूबर को जब उन्होंने बैंकिंग सेवा चालू की, तो पता चला कि उनके खाते से अज्ञात व्यक्ति ने 24 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच धोखाधड़ी से 7,83,072 रुपये निकाल लिए थे।
तीसरी घटना:
कोटा के एक शिक्षक ने भी ऑनलाइन ठगी का शिकार होते हुए 22 लाख रुपये खो दिए। उन्हें शेयर मार्केट में निवेश का झांसा दिया गया था, जिसमें ठगों ने दो साल तक विभिन्न किश्तों में उनसे पैसे जमा कराए। जब शिक्षक ने पैसे निकालने का प्रयास किया, तो उन्हें ठगी का पता चला।
पुलिस ने सभी मामलों में ठगी का केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। इन घटनाओं ने दिखाया है कि साइबर ठगों के द्वारा लोगों को ठगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे सावधानी बरतने की आवश्यकता है।