सूरजपुर की एक अदालत ने एक आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जो साढ़े तीन साल पहले जिले के दूरस्थ चांदनी बिहारपुर इलाके में सोनी साहू हत्याकांड में मारा गया था। दूसरे आरोपित मोहन यादव भी दोषी ठहराया गया है। इस निर्णय को मामले की सुनवाई करते हुए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नन्दे ने सुनाया है।
सूरजपुर l जिले के बिहारपुर चांदनी के चौका पारा के तीरथ राम यादव ने अपनी पत्नी सोनी साहू 22 वर्ष की तीन जनवरी 2021 को चरित्र शंका पर लाठी से पीट पीट कर हत्या कर दी थी और शव को बड़ी चालाकी से नजदीक के चुटकुल पहाड़ पर दफना दिया था। इधर उसने अपनी पत्नी के गायब हो जाने की सूचना पुलिस में दर्ज करा दी थी। पुलिस ने भी पहले मामले को केवल गुमशुदगी मान कर फाइल बंद कर दिया था, लेकिन मृतक महिला की मां यह मानने को तैयार नही थी कि उसकी लड़की कहीं गायब हुई है।
उसने आरोप लगाया की उसकी हत्या की गई है। मृतक महिला की मां ने फिर पुलिस के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, तो पुलिस ने दोबारा बारीकी से मामले की जांच शुरू की। इसमे पुलिस ने पाया था कि सोनी साहू की हत्या की गई है। इस पर पुलिस ने आरोपित पति तीरथ राम यादव व उसके पिता मोहन यादव को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में साक्ष्य के साथ पेश किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नन्दे ने दोनों पक्षो की दलील सुनने के बाद आरोपित तीरथ राम यादव को धारा 302 व 201 के तहत आजीवन कारावास व सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वही मामले के अन्य आरोपित मोहन यादव जो मुख्य आरोपी का पिता भी है को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त किया है। अभियोजन की ओर से अधिवक्ता राम नारायण प्रजापति ने पैरवी की थी। यह था मामला- मृतका सोनी साहू का विवाह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ था।
ससुराल में खटपट की वजह से वह मायके में ही रहती थी। बाद में उसका प्रेम गांव के ही युवक तीरथ राम यादव से हो गया और उसके साथ रहने लगी थी। मगर कुछ दिन बाद तीरथ को अपनी प्रेमिका के चरित्र पर सन्देह होने लगा और इसी बात पर उसने उसकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगा कर पत्नी के गायब होने की कहानी रच दी थी। पहले तो पुलिस ने भी उसकी कहानी को मान लिया था, लेकिन करीब डेढ़ साल बाद चांदनी थाने में बृजेश यादव की एसआई के पद पर तैनाती हुई और महिला की फरियाद पर उन्होंने मामले की जांच की तो सच्चाई उजागर हो गई। इस फैसले के बाद मृतका के परिजनों ने राहत महसूस की है।