रवि को मौसम खुलने से आम लोगों को राहत मिली। मानसून द्रोणिका, मौसम वेधशाला के मौसम विज्ञानी डा. एचपी चंद्रा के अनुसार, माध्य समुद्र तल पर दिल्ली, उरई, श्रीगंगानगर, सीधी, दीघा और फिर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक है।
एक द्रोणिका उत्तर-पूर्व राजस्थान से बांग्लादेश तक 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में 12 अगस्त को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटें पड़ने की संभावना है। एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने की भी संभावना है। दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई एक दिन पहले तापमान जहां 33 डिग्री सेल्सियस था तो वहीं आज पारा 30 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। इधर रविवार को धूप के बीच बारिश की बूंदें घास और वृक्ष के पत्तों पर चमक बिखेर रही थी।
सुनहरी धूप में बूंदों का आकर्षण स्पष्ट था। इस मौसमी बदलाव से लोगों को राहत मिली। घरों के आंगन और छतों पर कपड़े सूखते हुए दिखाई देते थे। जिससे लोगों को दैनिक काम करने में आसानी हुई। खेतों में काम कर रहे किसान भी बारिश के बाद की पहली धूप का आनंद लेते हुए अपने काम में व्यस्त हो गए।
सावन का महीना प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होता है। इन दिनों चारों ओर हरियाली की चादर बिछी हुई है। पेड़ों पर हरे पत्ते झूमते नजर आ रहे हैं। अरपा नदी कल-कल कर बह रही है। वर्षा की बूंदें जमीन को ताजगी प्रदान कर रही हैं, जिससे वातावरण में ठंडक और शांति का अहसास हो रहा है। पेंडारोड की पहाड़ियों में प्राकृतिक सौंदर्य देखते बन रहा है।