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Thursday, October 10, 2024

शासन की महत्वकांक्षी योजना प्रयास आवासीय विद्यालयों में…अध्यापन तथा कोचिंग व्यवस्था की वस्तुस्थिति क्या है ?

क्या बेहतरीन प्रयास योजना पिछड़े क्षेत्र के बच्चों के लिए, सचमुच वरदान साबित हो रहीं है ?
क्या शासन को कई व्यवहारिक पहलुओं पर प्रयास योजना की समीक्षा करनी पड़ेगी ?
बच्चों के हित रक्षण के लिए प्रयास योजना कई विधिक पहलुओं से प्रश्नांकित है ?

पूरब टाइम्स , रायपुर . छत्तीसगढ़ में पिछले साल के अंत में कांग्रेस की जगह भाजपा ने सरकार बनाई . इस नई सरकार के बनने के बाद धीरे धीरे पिछले कार्यकाल की खामियां , अनदेखी व भ्रष्टाचार के अनेक मामले सामने आने लगे हैं . एक ओर इन मामलों को नई सरकार संज्ञान में लेकर कार्यवाहियां कर रही हैं , वहीं अनेक अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अनेक भ्रष्टाचार के मामले फाइलों में दब कर रह गये हैं. इन मामलों में कई तो ऐसे हैं जिनमें जांच हो चुकी है , जांच अधिकारी की रिपोर्ट भी आ चुकीं हैं , फिर भी विधि विपरीत कार्य करने वालों पर कार्यवाही नहीं हुई है . इसी तरह से छत्तीसगढ़ आदिम जाति व अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अनेक कल्याण कारी योजनाओं का निष्पादन किया जा रहा है परंतु उनमें की गई शिकायतों में सत्यता होने पर भी कार्यवाहियां नहीं हो पा रही हैं . “प्रयास आवासीय विद्यालय योजना ” एक बेहतरीन योजना है . जिसकी वृहद जानकारी इस अंक में हम दे रहे हैं . साथ ही साथ हम इस योजना के क्रियांवयन में बरती जाने वाली कमज़ोरियों को भी प्रश्नांकित कर रहे हैं . पूरब टाइम्स की एक रिपोर्ट ..

जानिए , क्या है प्रयास योजना
प्रयास आवासीय विद्यालय भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. इन विद्यालयों में अध्यापन और कोचिंग व्यवस्था छात्रों को एक उज्जवल भविष्य के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हालांकि, इन विद्यालयों में अभी भी कई ऐसी चुनौतियां हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है. सरकार और अन्य हितधारकों को मिलकर इन विद्यालयों को और बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए.

अध्यापन व्यवस्था की विशेषताएं
अनुभवी शिक्षक: इन विद्यालयों में आमतौर पर अनुभवी और योग्य शिक्षक नियुक्त किए जाते हैं जो छात्रों को विभिन्न विषयों में गहराई से समझ प्रदान करने में सक्षम होते हैं.
छोटे बैच: कक्षाओं में छात्रों की संख्या कम होती है, जिससे शिक्षक प्रत्येक छात्र पर व्यक्तिगत ध्यान दे सकते हैं.

पाठ्यक्रम: पाठ्यक्रम राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) के अनुसार तैयार किया जाता है, जिसमें व्यावहारिक ज्ञान और कौशल पर विशेष जोर दिया जाता है.
शैक्षणिक गतिविधियां: छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों जैसे कि परियोजना कार्य, प्रयोग, और बहस में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

कोचिंग व्यवस्था की उल्लेखनीय विशेषताएं : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी: कई प्रयास आवासीय विद्यालय छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे कि JEE, NEET, और UPSC के लिए तैयार करते हैं.

विषय विशेषज्ञ: कोचिंग के लिए विषय विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाता है जो छात्रों को परीक्षाओं के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करते हैं.
अध्ययन सामग्री: छात्रों को अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट और अन्य संसाधन प्रदान किए जाते हैं.
व्यक्तिगत मार्गदर्शन: छात्रों को उनके शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है.

प्रयास आवासीय विद्यालयों में अध्यापन और कोचिंग व्यवस्था से पिछड़े क्षेत्र के बच्चों को होने वाले लाभ
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: इन विद्यालयों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है जो उन्हें भविष्य में सफल होने के लिए तैयार करती है.
सामाजिक विकास: छात्रों को एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण में रहने और सीखने का अवसर मिलता है, जिससे उनका सामाजिक विकास होता है.
समावेशी शिक्षा: इन विद्यालयों में सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान किए जाते हैं, चाहे उनकी सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो.
प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता: कई छात्र इन विद्यालयों में कोचिंग लेकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होते हैं.

चुनौतियां और सुधार के क्षेत्र जिन पर शासन द्वारा विशेष ध्यान देने की जरूरत है
शिक्षकों की कमी: कुछ विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की कमी होती है.
संसाधनों की कमी: कुछ विद्यालयों में प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और अन्य आवश्यक संसाधनों की कमी होती है.
कोचिंग की गुणवत्ता: सभी विद्यालयों में कोचिंग की गुणवत्ता समान नहीं होती है.

प्रयास आवासीय विद्यालय भारत में एक महत्वपूर्ण पहल हैं, जिनका उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है. इन विद्यालयों में अध्यापन और कोचिंग व्यवस्था एक ऐसा पहलू है जिसके बारे में अधिक जानना आवश्यक है.
सामाजिक कार्यकर्ता अमोल मालूसरे

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