सिंचाई विभाग पारदर्शिता सुनिश्चित करवाने वाला विभागीय कार्य व्यवहार क्यों नहीं कर रहा है ?
जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ के अधिकारियों की प्रशासकीय जवाबदेही सुनिश्चित कौन
करवायेगा ?
जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ का शिवनाथ मंडल कार्यालय शंकास्पद कार्य व्यवहार के लिए प्रश्नांकित क्यों है ?
पूरब टाइम्स , दुर्ग . ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग के द्वारा
आजकल अपने कामों की कमियों को छिपाने के लिये लीपा – पोती की जा रही है वरना वे
अपने कार्यचरण में पारदर्शिता रखने से नहीं हिचकते . सूत्रों के अनुसार अधीक्षण कार्यालय
दुर्ग , इसका जीता जागता उदाहरण है . बताया यह भी जा रहा है कि जल संसाधन विभाग
के प्रमुख अभियंता को इस बारे में अनेक लोगों ने मौखिक व मीडिया के माध्यम से संज्ञान
भी करवाया था परंतु उनके द्वारा कोई एक्शन नहीं लेने से उक्त अधीक्षण अभियंता के
हौसले बुलंद हैं . अब कुछ समाज सेवकों के द्वारा इस विभाग के अनेक मुद्दों को आम
जनता के सामने लाये जाने की तैयारी है . एक समाज सेवक का कहना है कि जब तक ऐसे
अधिकारियों पर कानून का डंडा नहीं चलेगा , उनका सुधरना नामुमकिन है . इसी मुद्दे पर
पूरब टाइम्स की यह रिपोर्ट ….
अधीक्षण अभियंता एस.के.पाण्डेय सिंचाई विभाग दुर्ग कार्यालय की पारदर्शिता कब सुनिश्चित
करवायेगा ?
दुर्ग संभाग क्षेत्र में जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे
निर्माण कार्यों का विवरण जनता को नहीं देने की व्यथनीय स्थिति बनी हुई है जिसके कारण
यह प्रश्न खड़ा हो रहा है कि क्या सिंचाई विभाग का दुर्ग कार्यालय नियमानुसार विभागीय
कार्यवाही करने वालों को तनख्वा दे रहा है ? उल्लेखनीय है कि दुर्ग का सिंचाई विभाग अपने
अनियमित कार्याचरण के लिए हमेशा से चर्चा में रहा है और इस अनियमित कार्याचरण की
निरन्तता बनी हुए है जो को शासनहित पर विपरीत प्रभाव डाल रही है ।
जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ का प्रमुख अभियंता मूकदर्शक बनकर अधीक्षण अभियंता
एस.के.पाण्डेय के गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार को कब तक नजरअंदाज करेगा ?
प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन को विशेष कृपा दृष्टि से अधीक्षण
अभियंता एस.के.पाण्डेय के गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार संरक्षित हो रहा है इसलिए सिंचाई
विभाग का दुर्ग कार्यालय कई शाखाओं के घेरा में है । सिंचाई विभाग के दुर्ग कार्यालय के
अंतर्गत निर्माण कार्यों के लिए शासन द्वारा विगत वर्षों से आबंटित राशि का विवरण
विभागीय वेबसाईट से वर्षों से नदारत है इसके अलावा जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ के दुर्ग
कार्यालय की आडिट रिपोर्ट को जन सामान्य की पहुंच से दूर किया जाना इस बात का
प्रमाण है कि सिंचाई विभाग का दुर्ग कार्यालय विभागीय गड़बड़ियों को प्रमुख अभियंता के
अनियमित कार्याचरण से छुपाने में कामयाब हो रहा है ।
सूचना का अधिकार अधिनियम के विधि निर्देशों की धज्जियां उड़ानें वाले अधीक्षण अभियंता
विधायकों का कृपापत्र कब तक बना रहेगा ?
सिंचाई विभाग का दुर्ग कार्यालय जनता को विभागीय कार्यवाहियों की जानकारी नहीं दे रहा
हैं इसके साथ साथ यह कार्यालय विधायकों और सांसद को भी जानकारी नहीं दे रहा है
इसका प्रमाण यह है कि विगत वर्षों से विधानसभा सत्र में विधायक अपने ही निर्वाचन क्षेत्र
के कार्यों की जानकारी लेने के लिए विधानसभा के माध्यम से प्रश्न पूछने के लिए मजबूर हों
रहे है उल्लेखनीय है कि वर्षों से दुर्ग कार्यालय में जमे बैठे अधीक्षण अभियंता एस.के.पाण्डेय
के द्वारा विभागीय जानकारियों को पारदर्शिता के दायरे में नहीं लाया जा रहा है और सूचना
का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगे जाने पर भी वस्तुस्थिति को छिपाए जाने
का कार्य व्यवहार किया जा रह है ।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 के विधि निर्देशानुसार सार्वजनिक की जाने
वाली विभागीय जानकारी को अधीक्षण अभियंता एस.के.पाण्डेय के द्वारा सर्व साधारण की
जानकारी में लाए जाने की पदेन जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया जाना प्रशासकीय अपराध
है , जिसका संज्ञान लिया जाना शासनहित के लिए आवश्यक है ।
अमोल मालुसरे , सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनैतिक विश्लेषक