रायपुर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे शहर की सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यातायात पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में रायपुर जिले में कुल 1911 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 283 लोगों की मौत हुई और 1322 लोग घायल हुए।
2023: हालात और बिगड़े
2023 में स्थिति और खराब हो गई। इस वर्ष सड़क हादसों की संख्या बढ़कर 1961 हो गई, जिसमें 507 लोगों की मौत और 1440 लोग घायल हुए। यह आंकड़ा 2022 की तुलना में काफी अधिक था, जिससे साफ होता है कि सड़क सुरक्षा के उपाय प्रभावी साबित नहीं हो रहे हैं।
प्रशासन के प्रयास नाकाफी
2024 में हालात और गंभीर हो गए। कुल 2079 सड़क हादसे हुए, जिनमें 594 लोगों की जान गई और 1495 लोग घायल हुए। प्रशासन द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर कुछ कदम उठाए गए, लेकिन ये उपाय प्रभावी नहीं दिख रहे हैं। दुर्घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी से साफ है कि अब और कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
2025 की चिंताजनक शुरुआत
2025 के पहले दो महीनों में ही 331 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें 110 लोगों की मौत और 221 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा, 6 मार्च तक 8 और लोगों की मौत हो चुकी है। अगर यही रफ्तार बनी रही, तो 2025 में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा और भी डरावना हो सकता है।
लापरवाही और यातायात नियमों के उल्लंघन से बढ़ रहे हादसे
इन बढ़ते हादसों के पीछे कई कारण हैं, जिनमें यातायात नियमों का उल्लंघन, वाहन चालकों की लापरवाही, और सड़कों की खराब स्थिति प्रमुख हैं। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इन खामियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाएगा? या फिर सड़क हादसे इसी तरह बढ़ते रहेंगे, जिससे न केवल शहर की साख प्रभावित होगी, बल्कि आम लोगों की जान भी खतरे में पड़ती रहेगी?
क्या प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा?
बढ़ते हादसे यह संकेत दे रहे हैं कि अब प्रशासन को सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर होना पड़ेगा। ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने, सड़कों की मरम्मत और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने की आवश्यकता है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इन जरूरी कदमों को उठाएगा या रायपुर के लोग इसी तरह हादसों का शिकार होते रहेंगे?