अब शिक्षा संकाय के विद्यार्थियों को भी इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल और कंप्यूटर शिक्षा मिल गई है। अब बीएड, डीएड और एमडी की पढ़ाई के लिए भी मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के तहत बैंक लोन मिलेंगे। राज्य को इससे अधिकतम चार लाख रुपये मिलेंगे।
सरकारी वेबसाइट पर इसकी पूरी जानकारी भी उपलब्ध है। इस योजना में 35 तकनीकी और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम हैं, जो डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के हैं। इस योजना का लाभ विद्यार्थियों को मिल सकता है जो दो लाख रुपये से कम की वार्षिक आय वाले परिवारों से आते हैं।
योजना के तहत, मोरेटोरियम अवधि के पश्चात ऋण किश्तों के नियमित भुगतान की स्थिति में, छात्रों को एक प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा। शेष ब्याज राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा संबंधित बैंक को किया जाएगा। प्रमुख जिले में ब्याज रहित ऋण विशेष रूप से, राज्य के वामपंथ चरमपंथी प्रभावित (एलडब्ल्यूई) जिलों जैसे बस्तर, बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, जशपुर, उत्तर बस्तर कांकेर, कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, सरगुजा, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बालोद, सुकमा, कोण्डागांव और बलरामपुर जिलों के छात्रों को ब्याज रहित ऋण मिलेगा।
छात्र का छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना अनिवार्य है। राज्य में स्थापित और सक्षम प्राधिकारी (जैसे एआईसीटीई या यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में प्रवेशित होना चाहिए। अधिकतम पारिवारिक आय रुपये दो लाख होनी चाहिए, जिसे सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र द्वारा प्रमाणित किया जाना चाहिए। शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा रुपये चार लाख है। अनुदान का लाभ लेने के लिए नियमित रूप से ऋण किश्तों का भुगतान अनिवार्य है। ड्राप आउट और निष्कासित छात्र इस योजना के लाभार्थी नहीं बने रहेंगे, किंतु चिकित्सीय कारणों से एक वर्ष की अधिकतम सीमा तक अध्ययन में रूकावट होने की दशा में पात्रता बनी रहेगी।