एसटी-एससी आरक्षण के मुद्दे पर ‘भारत बंद’ का छत्तीसगढ़ में मिला-जुला असर: कोंडागांव में हिंसा, कटघोरा में ट्रैफिक जाम
छत्तीसगढ़ में एसटी-एससी वर्ग के आरक्षण के समर्थन में बुलाए गए ‘भारत बंद’ का असर अलग-अलग जिलों में मिला-जुला देखने को मिला। कुछ जिलों में इस बंद का असर अपेक्षाकृत कम रहा, जबकि अन्य स्थानों पर व्यापक विरोध और प्रदर्शन देखने को मिले। कांग्रेस ने इस बंद के समर्थन में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि बंद करना लोगों का संवैधानिक अधिकार है और पार्टी नैतिक रूप से आंदोलनकारियों के साथ है।
कोंडागांव में आंदोलनकारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर उत्पात मचाया। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स को तोड़ते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में घुसकर पुलिस के साथ झड़प की। इसके बाद उन्होंने वहीं धरना दिया। सर्व आदिवासी समाज और एससी-एसटी ओबीसी संयुक्त मोर्चा ने कलेक्ट्रेट चौक पर रैली निकाली और चक्का जाम किया, जिसके चलते पुलिस का सुरक्षा घेरा भी तोड़ा गया।
कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र में भी बंद का प्रभाव देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों ने शहीद वीर नारायण चौक को जाम कर दिया और एससी-एसटी महासभा तथा गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी के तत्वावधान में आयोजित प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। लोगों ने एससी-एसटी आरक्षण के वर्गीकरण से संबंधित कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए बिलासपुर-कटघोरा-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम कर दिया, जिससे ट्रैफिक पूरी तरह से थम गया और जनता को कठिनाई का सामना करना पड़ा।
मनेन्द्रगढ़ में जिला मुख्यालय पर सभी दुकानें बंद रहीं और स्थानीय लोगों ने तहसील कार्यालय के पास दुकानदारों से दुकानें बंद करने की अपील की। गरियाबंद में एससी-एसटी समाज ने रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। यहां भी भारत बंद का असर स्पष्ट रूप से देखा गया, और क्रीमी लेयर आरक्षण को लेकर सर्व आदिवासी तथा सतनामी समाज ने प्रदर्शन किया। रैली के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
यहाँ का माहौल संकेत देता है कि एसटी-एससी आरक्षण के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्तर पर विरोध और असंतोष स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आया है।