छत्तीसगढ़ में बारिश के बाद कई स्थानों पर बाढ़ आई है। दुर्ग जिले में पिछले दो दिनों से बारिश के बाद शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ा है। Shivnath नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी में लगभग दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ आई। SRDएफ टीम ने अंडा के छोटे गांव में ईट भट्टा में फंसे 19 लोगों और मुड़पार में 25 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला।
शिवनाथ नदी में 2 लाख 4 हजार 346 क्यूसेक पानी रह गया है। राजनांदगांव के मोंगरा जलाशय से 1 लाख 13 हजार क्यूसेक, खट्टोला से 20 हजार 208 क्यूसेक, घुमरिया से 26 हजार 260 क्यूसेक और सुखा नाला से 44 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ गया है। 10 फीट ऊपर से पानी महमरा एनीकेट से बह रहा है। SDRF को नदी का जलस्तर बढ़ने की सूचना दी गई है।
शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ने से महमरा एनीकेट का प्रवेश बंद हो गया है। एनीकेट के आठ गेट खुले हैं। जिला प्रशासन ने नदी का जलस्तर बढ़ने को लेकर नदी तट के गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया है। लोगों को नदी किनारे नहीं जाने के निर्देश दिए गए हैं और मवेशियों को घर पर ही बांधकर रखने के लिए कहा गया है। वर्तमान में तांदुला जलाशय में 83.49 प्रतिशत, गोंदली जलाशय में 60.27 प्रतिशत, खरखरा जलाशय में 104.38 प्रतिशत, खपरी जलाशय में 75.19 प्रतिशत और मरोदा जलाशय में 41.58 प्रतिशत जलभराव है।
शिवनाथ नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण जिला प्रशासन ने गांवों को अलर्ट किया है जो नदी के किनारे हैं। गांव के कोटवारों द्वारा मुनादी की गई है। ग्रामीणों को बाढ़ के खतरे से बचने के लिए झोला, भोथली, रूदा, धीरी, खाड़ा, चंगोरी, आलबरस, कोनारी, भरदा, पीपरछेड़ी, पीसेगांव, मालूद, बेलौदी, चिखली, गनियारी, डांडेसरा, झेंझरी, पथरिया और सहगांव में मुनादी की गई है।