स्कूलों में मेगा पीटीएम, यानी पालक-शिक्षक संवाद कार्यक्रम चलाया गया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी इसमें शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अभिभावकों को शिक्षकों से नियमित रूप से मिलना चाहिए ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और उन्नत भविष्य मिले। बच्चों का रचनात्मक विकास बढ़ेगा जितने अधिक शिक्षक और अभिभावक इस प्रक्रिया में भाग लेंगे।
उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से कहा कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए उन्हें बेझिझक बोलने के लिए तैयार करें। परिवार हर बच्चे की पहली पाठशाला है। कुनकुरी विकासखंड के बंदरचुवां के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने अभिभावकों से भी चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री की पत्नी कौशल्या साय ने अभिभावकों से अपील की कि परीक्षा के तनाव से उबरने में बच्चों की सहायता करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस बच्चे को बड़ा आदमी बनना है, उसे सब कुछ मिलेगा। शिक्षा विकास है। शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं है, बल्कि किसी भी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षा प्राप्त व्यक्ति और अशिक्षित व्यक्ति दोनों ही जीवन जीते हैं, लेकिन दोनों के जीवन की गुणवत्ता में काफी अंतर है। मुख्यमंत्री ने बच्चों के कुछ दादा-दादी और माता-पिता से भी बातचीत की।
स्कूली बच्चों ने पोस्टर के माध्यम से पालक शिक्षक मीटिंग का उद्देश्य, कार्यक्रम और इससे छात्रों को मिलने वाले फायदे बताए। शिक्षा विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए 13 मुद्दे पालक-शिक्षक बैठकों के लिए निर्धारित किए हैं, जिन पर कई बच्चों ने चर्चा की।
मुख्यमंत्री साय ने स्कूल में होने वाली सभी गतिविधियों के बारे में जानकारी ली और बच्चों से इन सभी गतिविधियों का अच्छे से लाभ उठाने के लिए कहा। उन्होंने बच्चों से उनके करियर प्लान के बारे में भी पूछा और खूब मेहनत कर अपने सपने को पूरा करने की सीख दी। मुख्यमंत्री ने कहा जीवन में श्रेष्ठता हासिल करने का एक मात्र माध्यम शिक्षा है।