छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने नेत्र सहित अन्य अंगों का दान करने का संकल्प पत्र भरा है। मृत्यु के बाद अपने नेत्र, किडनी, लीवर और अन्य अंगों को देने का निश्चय करते हुए, उन्होंने भारत सरकार के अधिकारिक वेबसाइट पर पंजीयन कराया है।
मृत्यु के बाद काम आएंगे अंग
अंगदान का संकल्प पत्र भरने के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि मैंने भी महसूस किया है कि समाज के प्रति हम सभी की आवश्यक जवाबदेही अंगदान है, जो अभी देश भर में उतनी स्वीकार्य नहीं हो पाई है। अब भी किसी की मृत्यु पर दाह संस्कार सहित अनेक परंपराएं जारी हैं। मृत्यु का स्थान अभी तक हमारी कल्पना में नहीं आया है
अंगदान का संकल्प पत्र भरने के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि मैंने भी महसूस किया है कि समाज के प्रति हम सभी की आवश्यक जवाबदेही अंगदान है, जो अभी देश भर में उतनी स्वीकार्य नहीं हो पाई है। अब भी किसी की मृत्यु पर दाह संस्कार सहित अनेक परंपराएं जारी हैं। हम अभी तक नहीं समझ पाए हैं कि मृत्यु के बाद हमारा शरीर दूसरों के काम आ सकता है।
सिंह देव ने बताया कि वह कुछ वर्ष पहले नेत्रदान करने का इरादा था, लेकिन पंजीकृत नहीं हो सका। T.S. Singh Dev ने नेत्रदान के अलावा अपनी किडनी, लीवर और टिस्यू देने का निश्चय किया। उनका कहना था कि अगर ये अंग मृत्यु के उपरांत किसी के काम आ सकते हैं तो वे आएं। सिंह देव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पहले लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट की समस्या थी।
छत्तीसगढ़ में अब अंगदान की संस्थाएं देश भर में स्थापित और काम कर रही हैं। आज मैं अंगदान का यह संकल्प पत्र भरकर बहुत खुश हूँ। मृत्यु के बाद टीएस सिंह देव के भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने भी अपने नेत्र सहित अन्य अंगों को दान करने का निश्चय किया।