रायपुर। छत्तीसगढ़ में नर्सिंग कॉलेजों की मनमानी एक बार फिर सामने आई है। राज्य के सात निजी नर्सिंग कॉलेजों में कुल 481 सीटों के मुकाबले 495 छात्रों को एडमिशन दे दिया गया, जिससे छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। हैरानी की बात यह है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सीटों से अधिक प्रवेश न हो, फिर भी कॉलेज संचालकों ने मनमाने ढंग से एडमिशन दे दिए।
7 कॉलेजों में 14 सीटों पर अतिरिक्त प्रवेश
जांच में सामने आया कि छह कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग की आठ अतिरिक्त सीटों पर और एक कॉलेज में पोस्ट बेसिक नर्सिंग की छह अतिरिक्त सीटों पर एडमिशन हुआ है। इन कॉलेजों को 21 फरवरी तक काउंसिलिंग कमेटी के समक्ष पेश होकर इस गड़बड़ी का समाधान करने का निर्देश दिया गया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर लापरवाही साबित होती है, तो कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
इन कॉलेजों में हुए अतिरिक्त एडमिशन
बीएससी नर्सिंग:
- बिलासा इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, बिलासपुर – 80 सीट, 81 एडमिशन
- कॉन्फ्लुएंस कॉलेज ऑफ नर्सिंग, नांदगांव – 60 सीट, 61 एडमिशन
- ग्रेसिएस कॉलेज ऑफ नर्सिंग, रायपुर – 60 सीट, 61 एडमिशन
- होलीक्रॉस कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सरगुजा – 61 सीट, 62 एडमिशन
- संदीपनी एकेडमी, बिलासपुर – 100 सीट, 101 एडमिशन
- सृष्टि नर्सिंग कॉलेज, रायपुर – 60 सीट, 63 एडमिशन
पोस्ट बेसिक नर्सिंग:
- श्रीनारायण नर्सिंग इंस्टीट्यूट, रायपुर – 60 सीट, 66 एडमिशन
कॉलेजों ने दी सफाई, डीएमई पर डाला ठीकरा
प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष महेंद्र चौबे ने सफाई दी कि यह गड़बड़ी प्रवेश रद्द कराने वाले छात्रों के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों ने इस संबंध में पहले ही पत्र जमा कर दिया था, लेकिन डीएमई कार्यालय ने इसे अपडेट नहीं किया। कॉलेज प्रबंधन जल्द ही कमेटी के समक्ष पेश होकर इसे सही करा लेगा।
अब देखना यह होगा कि विभाग इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई करता है और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।