रायपुर। अश्लील सीडी कांड मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। हाल ही में विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में बघेल को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था, लेकिन अब सीबीआई ने इस फैसले को चुनौती देते हुए जिला न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका (रिवीजन) दायर की है। जिला न्यायाधीश ने यह याचिका सीबीआई की विशेष अदालत को भेज दी है, जहां इसकी सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।
सीबीआई की अपील से मामला फिर गरमाया
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की ओर से दाखिल इस रिवीजन याचिका पर अदालत में बहस होगी। यदि अदालत इस अपील को स्वीकार कर लेती है, तो भूपेश बघेल को एक बार फिर नोटिस जारी किया जाएगा और उन्हें कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। इसके बाद मामले की नए सिरे से सुनवाई शुरू होगी।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि अश्लील सीडी कांड को लेकर भूपेश बघेल, वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा और कारोबारी कैलाश मुरारका पहले ही दो बार सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हो चुके हैं। इस दौरान, बघेल के वकील मनीष दत्त ने अदालत में दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को झूठे मामले में फंसाया गया है। उनका कहना था कि बघेल ने न तो कोई सीडी बनवाई है और न ही इसे वितरित किया है। इस आधार पर विशेष अदालत ने सभी धाराओं को हटाते हुए कहा था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई ठोस आधार नहीं है।
हालांकि, सीबीआई की पुनरीक्षण याचिका के बाद इस मामले ने एक बार फिर राजनीतिक और कानूनी मोड़ ले लिया है। अब सभी की नजरें 4 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि मामले को दोबारा खोला जाएगा या नहीं।