बांग्लादेशी विमान जो पिछले नौ वर्षों से रायपुर विमानतल में खड़ा था, अब यहां के लिए सफेद हाथी की तरह है। बताया जा रहा है कि इन नौ वर्षों में पार्किंग शुल्क ही करीब चार करोड़ पहुंच गया है। रायपुर विमानतल अथॉरिटी भी पिछले दिनों इसकी नीलामी की तैयारी कर रही थी और कानूनी सलाहकारों से सलाह ले रही थी। लेकिन बात अब ठंडी हो गई है।
रायपुर विमानतल अथॉरिटी का कहना है कि इस बारे में सारी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है और मुख्यालय की अनुमति के बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाएगी। मालूम हो कि सात अगस्त 2024 को इस बांग्लादेशी विमान को रायपुर विमानतल में ठहरे नौ वर्ष पूरे हो जाएंगे। स्वामी विवेकानंद विमानतल के निदेशक एसडी शर्मा ने बताया कि यह नीतिगत मामला है और सारी रिपोर्ट हमारे द्वारा मुख्यालय को भेजी जा चुकी है। अब इस विमान के संबंध में मुख्यालय ही कोई फैसला करेगी। रायपुर विमानतल अथारिटी ने बांग्लादेशी कंपनी को पिछले नौ वर्षों में ९० से अधिक बार पत्राचार और ईमेल भेजे हैं। लेकिन अभी तक कंपनी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसके बाद भी कोई अगला कदम नहीं उठाया जा रहा है।
इन नौ वर्षों में, इस बांग्लादेशी विमान ने 300 मीटर की दूरी पार की है। बांग्लादेशी कंपनी के विशेषज्ञ 2019 में रायपुर पहुंचे थे और उस दौरान ही विमान को 300 मीटर खिसकाया गया था। उस समय विशेषज्ञों ने कहा था कि इस विमान को जल्द ही ले जाया जाएगा, लेकिन उस दिन से कंपनी का कोई अधिकारी नहीं आया और इसे ले जाने की कोशिश नहीं की गई। गौरतलब है कि 173 यात्रियों के साथ ढाका से मस्कट जाने के दौरान सात अगस्त 2015 को यह बांग्लादेशी फ्लाइट क्रमांक एमडी 83 के इंजन में खराबी आ गई थी। इसके चलते आपात स्थिति में इस विमान की लैंडिंग रायपुर विमानतल में करवानी पड़ी। दूसरे दिन इस विमान के यात्रियों को दूसरे विमान से भेजा गया। उस दिन से लेकर आज तक यह विमान स्वामी विवेकानंद विमानतल में ही ठहरा है।