प्रदेश में अडानी ग्रुप की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक अडानी ग्रुप विवादों से घिरता ही जा रहा है। अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने अडानी ग्रुप को आडे हाथों लिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि अगर हसदेव में नये खदान शुरू करने की कार्रवाई हुई तो प्रदेश के आदिवासी चुप नहीं बैठेंगे। हसदेव के नया खदान सरकार और अडानी ग्रुप के लिए जी का जंजाल बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों के अधिकारों को दरकिनार कर खनन कंपनियों के इशारे पर सरकारें काम कर रही है। जो हरगिज बर्दास्त नहीं किये जाएंगे। पिछले 10 वर्षों से हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए आन्दोलनरत हैं बावजूद आजतक उन्हें न्याय नहीं मिला है। सरकार की आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी में फंसी है सब कुछ जानते हैं।