केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 23 अगस्त को रात 10 बजे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचेंगे और 25 अगस्त तक विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इस दौरान, वे अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में भी भाग लेंगे। 25 अगस्त को सुबह 11 बजे, वे नवा रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय दफ्तर का उद्घाटन करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, अमित शाह 23 से 25 अगस्त तक रायपुर प्रवास पर रहेंगे।
एनसीबी दफ्तर की शुरुआत से मादक पदार्थों की तस्करी पर काबू में मिलेगी सहायता
नवा रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय दफ्तर की स्थापना से ओडिशा और आंध्र प्रदेश के रास्ते मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। इससे मध्य प्रदेश के इंदौर तक के दौरे की आवश्यकता भी कम होगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 अगस्त को रात 10 बजे रायपुर पहुंचेंगे और नवा रायपुर के एक होटल में रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन, 24 अगस्त को, वे सुबह साढ़े 10 बजे नवागांव और फिर 11 बजे चंपारण का दौरा करेंगे। चंपारण में आधा घंटे रुकने के बाद, वे रायपुर लौटेंगे और दोपहर 12 बजे से नक्सल मामलों की अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक में शामिल होंगे।
इस बैठक में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, गृह विभाग के सचिव और नक्सल ऑपरेशनों से जुड़े अधिकारी भी शामिल होंगे। बैठक में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों, कानून व्यवस्था की स्थिति, प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों, और सुरक्षा बलों और संसाधनों की समीक्षा की जाएगी।
एनसीबी का कार्य: मादक पदार्थों की तस्करी रोकने में प्रमुख भूमिका
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (Narcotics Control Bureau – NCB) का मुख्य उद्देश्य भारत में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकना और समाप्त करना है। हाल के वर्षों में, एनसीबी ने नशीली दवाओं के कानून प्रवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर पर उभर कर सामने आई है।
एनसीबी, मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ भारत की ड्रग कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह ब्यूरो विशेष रूप से भारत के सीमांत क्षेत्रों पर निगरानी रखता है, जहां विदेशी तस्करों की गतिविधियां हो सकती हैं। इसके अलावा, एनसीबी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहता है।
एनसीबी की इस रणनीतिक भूमिका के चलते, यह भारत में नशीली दवाओं की तस्करी को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में उभरा है।