होली त्यौहार है हुड़दंग का. उत्साह और उमंग का. इस त्यौहार में हंसी ठिठोली अपनी
सीमाएं भी पार कर जाती हैं. कोई इस बात को दिल पर ना ले इस लिए हमेशा कहा जाता
है , ‘ बुरा न मानो होली है ‘. फाग में आज गाली भी मीठी होती है. आज के दिन दूध में
भंग की तरह , हर वर्ग के लोग एक रंग में रंग जाते हैं, चाहे अमीर हो या गरीब , अधिकारी
हो या कर्मचारी.आपकी खिदमत में कुछ खट्टे मीठे होली समाचार पेश हैं, पढ़कर दिमाग
नहीं लगाने का बस, खुश होने का. क्योंकि आज के दिन ‘ दिमाग वाला लाल है , — – —
- जुएं में हार- जीत को लेकर दुर्ग के विधायकों ललित चंद्राकर व गजेंद्र यादव के बीच
हुआ झगड़ा , पूर्व विधायक अरुण वोरा को बनाया पंच
होली के त्यौहार में रंगे, दुर्ग ग्रामीण के विधायक ललित चंद्राकर व दुर्ग शहर के विधायक
गजेंद्र यादव के बीच चल रहे जुएं में एक बात को लेकर बड़ा झगड़ा हो गया कि जुएं में कोई
भी जीते पर पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने ज़्यादा महत्वपूर्ण को हराया है . अपने
अपने पक्ष में वे अपने समर्थकों के साथ ऊंची ऊंची देने लगे . जब बात बिगड़ने लगी तो
सर्वसम्मति से पूर्व विधायक अरुण वोरा को पंच बनाया गया . भाजपा के लिये पानी पी
पीकर बुराई करते हुए वोरा बोले, बांगड़ुओं, वो भी हार कोई हार थी. असली पटकनी तो
अभी ईडी ने भूपेश बघेल को दी है. यह सुनकर दोनों विधायक नगाड़े की थाप पर नाचने
लगे .
- भंग की तरंग में सरोज ने दिया डॉ. रमन को आइस बाथ चैलेंज
अपनी पार्टी द्वारा राजनीतिक रूप से ठंडे बस्ते में डाल दिये गये नेताओं ने भंग पीकर
अपनी सरगर्मी बढ़ाने की बात की . इस बीच पूर्व सांसद सरोज पाण्डेय ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.
रमन सिंह को आइस बाथ चैलेंज दिया है. सरोज पाण्डेय ने कहा कि एक बड़े से टब में बर्फ
डालकर यदि डॉक्टर साहब 5 मिनट भी आइस बाथ ले लेते हैं तो मैं मान लूंगी कि अभी भी
उनकी राजनीति में गर्मी है. उधर डॉक्टर साहब समर्थक राजेंद्र गोलछा ने ठहाका लगते हुए
कहा कि पूरा प्रदेश जानता है कि अपनी उग्रता के कारण कौन बार बार चुनाव हारता है ?
उसे तो रोज़ आईस बाथ लेना चाहिये.
- सुट्टा लगाते साथ दिखे प्रेम प्रकाश व बदरुद्दीन ने दी लौंडों को जी भर के गाली ,
विधायक रिकेश सेन का डांस हुआ वायरल
मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के द्वारा कही गई बात , ‘ हेाली के दिन दुश्मन भी गले
मिल जाते हैं ‘, को निभाते दिखे , आज होली मिलन कार्यक्रम के अंधकारमय स्मोकिंग
जोन क्षेत्र में सुट्टा लगाते अपनी अपनी पार्टी व अपने अपने क्षेत्र में अपनी राजनीतिक पकड़
खो रहे , अपने समय के दो तेज़ तर्रार राजनेता बदरुद्दीन व प्रेम प्रकाश पाण्डेय . दोनो ने
तरंग में, हाथ से निकले अपने व नज़दीकी लोगों के घरों के युवाओं के अलावा उंगली
बाज़ लोगों (एक दूसरे को छोड़कर )को जी भर के गाली बकी । सूत्रों के अनुसार दोनों बुढ़ाए
नेता , आज के उद्दंड युवाओं के राजनीति करने के तरीके से बेहद नाखुश थे . इतने में भंग
पीकर कुछ लड़कियों द्वारा एक प्रतिद्वंदी युवा विधायक रिकेश सेन को घेरकर, बिंदास
नाचते देखकर , एक नेता ने दूसरे से कहा कि हम आज तक इस चीज के लिए तड़पते रहे
और ये अभी से शुरू हो गए। दूसरा भी फुसफुसाते हुए कान में बोला अभी तो ये ट्रेलर है।
पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त , लड़कियों पर एक बार भांग पूरी तरह से चढऩे दे ।
- साय से भूपेश ने गले मिलकर किया भरत मिलाप. कहा, कौरव पांडवों की तरह हम चचेरे
भाई
भूपेश बघेल का रहा सहा गुरूर अब केंद्रीय एजेंसियों ने फुस्स कर दी हैं . अब वह कौरवों की
तरह मुख्यमंत्री साय को पांडव बताकर अपना चचेरा भाई बता रहे हैं . होली के दिन साय को
गुलाल लगाने की जगह भूपेश बघेल ने उनके यहां डांस करते हुए , एक सीडी भेंट किया .
बाद में रेवड़ी बांटने के अनेक मुद्दे के हड़पे जाने के गम से मदहोश भूपेश ने कहा कि
साय जान गया है कि मुझे बदनाम किये बिना मेरी काम करने वाली छवि को कभी नहीं
पछाड़ा जा सकता है , इसीलिये आज ईडी वालों के साथ डांस कर मुझे चिढ़ा रहा था .
पता नहीं किस बहन के टके ने मेरे कपड़ों में खुजली की दवाई डाल दी। मैं खाज कर रहा
था तो वहां उपस्थित सब लोग उसे डांस समझ कर तालियां बजा रहे थे।
- अपना अपना राग अलाप कर मंत्री पद पाने की आस लगाने वाले विधायकों ने बनाया
एक बैंड और साथ मिलकर गाया , हम होंगे कामयाब एक दिन
विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव , फिर उपचुनाव, फिर नगरीय निकाय व पंचायत
चुनाव तक मंत्रीपद की आस लगाये अनेक वरिष्ठ विधायकों के सब्र के बांध को टूटने से
बचाने के लिये , उन लोगों ने जमकर आपस में एक दूसरे से हुज्जत की . अपने प्रश्नों से
विधानसभा में घायल सरकार को मलहम लगाते हुए एक विधायक ने कहा कि हम पार्टी के
सच्चे सिपाही हैं . दूसरे ने उससे आगे बढ़कर कहा कि हम मोदीजी और अमित शाह के
संकल्प को आगे बढ़ाने वाले लोग हैं . इस पर तीसरे ने कहा कि मंत्री मण्डल का निर्माण
करने वाले हमारी आवाज नहीं सुन पा रहे थे इसलिये आज हम सामुहिक रूप से गा रहे हैं,
“हम होंगे कामयाब एक दिन” . राजेश मूणत के यहां हो रहे इस कार्यक्रम में अजय चंद्राकर
, अमर अग्रवाल , डोमनलाल कोर्सेवाड़ा व अन्य वरिष्ठ विधायकों ने हिस्सा लिया परंतु
खुशवंत साहेब, सुनील सोनी, गजेंद्र यादव इत्यादि ने हिस्सा नहीं लिया.
- मूर्ख सम्मेलन में महापौर मीनल चौबे ने पूर्व महापौर ऐजाज ढेबर को महामूर्ख की पदवी
से सम्मानित किया
अपने कार्यकाल में अपनी चतुराई से अच्छों के कान व पर कतरने वाले पूर्व महापौर ऐजाज
ढेबर , निगम के होली मिलन कार्यक्रम में भी “मान ना मान , मैं तेरा मेहमान” की तर्ज़ पर
फाग गाने आ गये . अपने समय, अपनी डफली अपना राग , करने वाले ऐजाज को तुरंत
स्टेज पर चढ़ा दिया गया. जहां मूर्ख सम्मेलन हो रहा था. महापौर मीनल चौबे ने अपनी
हर अदावत भुलाते हुए उन्हें महामूर्ख के खिताब से सम्मानित किया. अपने उद्बोधन में
मीनल ने कहा कि जिन्होंने 5 वर्ष जनता को मूर्ख बनाया और 5 साल बाद जनता ने खुद
उन्हें मूर्ख बनाया तो हमारे द्वारा उनका सम्मान करना बनता है . इस पर धन्यवाद देते हुए
ऐजाज ने कहा, केवल ऊंट ही नहीं एक दिन ऊंटनी भी पहाड़ के नीचे आती है .
- खनन माफिया करें अपने ड्राइवरों से मानवता – पूर्व कलेक्टर दुर्ग ऋचा प्रकाश चौधरी
दुर्ग की पूर्व कलेक्टर महोदया हर मोर्चे में आगे बढ़ रही थीं परन्तु खनन माफियाओं पर
लगाम लगाने पर पूरी तरह असफल रही थीं . कारण पता लगाने गए पत्रकार को जिला
खनिज अधिकारी सोनकर ने जवाब दिया कि स्टाफ की कमी और सुबह 9 बजे से शाम 6
बजे तक के ड्यूटी टाइम में हम भरसक कोशिश करते हैं चोरी रोकने की . बड़े राजनेताओं के
आदमियों के अलावा कोई इस वक़्त चोरी कर रहा है तो हमें तुरंत सूचित करें . फिर देखें
हमारी कार्यवाही . इधर अवैध खनन करने वाले शाम 6 से सुबह 9 बजे तक आराम से
अपने जेसीबी और ट्रक चलाते रहते हैं. इन बातों का पता लगने के तुरंत बाद ही कलेक्टर
महोदया का ट्रांसफर हो गया परंतु केन्द्र प्रतिनियुक्ति पर जाने के पहले , पूर्व कलक्टर
महोदया ने चोरी पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से होली पर खनन माफियाओं से अपील की
है कि वे अपने ड्राइवरों से मानवता से पेश आएं . त्यौहार और छुट्टी के दिनों में शाम 6
बजे से सुबह 9 बजे तक काम ना करवाएं. इस बहाने कम से कम अवैध खनन के कामों में
कुछ तो नियंत्रण हो सकेगा.
बुरा ना मानो होली है समाचार सहित क्षमाप्रार्थी
मधुर चितलांग्या , संपादक पूरब टाइम्स