कवर्धा। शासकीय स्कूलों में बदहाली दूर करने के लिए सरकार कई महत्वकांक्षी योजनाएं चला रही है, ताकि शिक्षा की व्यवस्था बेहतर हो सकें। लेकिन कबीरधाम जिले में शिक्षकों की मनमानी के चलते बच्चों का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।
मामला पंडरिया के वनांचल क्षेत्र के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमेरा का है। यहां चार शिक्षक पदस्थ है. फिर भी यहां बच्चे शिक्षा के लिए वंचित है। चारों शिक्षक गायब रहते हैं।
मीडिया को ग्रामीणों ने बताया कि यहां चार शिक्षक तो पदस्थ हैं, लेकिन एक शिक्षिका पिछले एक साल से छुट्टी पर हैं और दो अन्य शिक्षक 23 जनवरी से नही आ रहे हैं। सिर्फ प्रधान पाठक ही आते हैं, लेकिन वह भी स्कूल छोड़कर इधर-उधर घूमने निकल जाते हैं। बच्चों का कहना है कि बच्चों का परीक्षा सिर पर है, ऐसे महत्वपूर्ण वक्त में भी शिक्षकों की लापरवाही और आपसी विवाद के कारण अध्ययन नही कर पा रहें हैं। वहीं अभिभावकों ने कहा कि प्रधानपाठक दादागिरी करता है और उसी के कारण बाकि शिक्षक स्कूल नहीं आते।
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया वनांचल क्षेत्र के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमेरा में शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। यहां चार शिक्षक पदस्थ हैं, जिनमें से एक शिक्षिका पिछले एक वर्ष से अवकाश पर हैं, जबकि दो अन्य शिक्षक 23 जनवरी से अनुपस्थित हैं। प्रधान पाठक स्कूल आते हैं, लेकिन वे भी विद्यालय छोड़कर अन्यत्र चले जाते हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है।
छात्रों और अभिभावकों ने बताया कि परीक्षा निकट होने के बावजूद शिक्षकों की लापरवाही और आपसी विवाद के कारण पढ़ाई नहीं हो पा रही है। अभिभावकों का आरोप है कि प्रधान पाठक की दादागिरी के कारण अन्य शिक्षक स्कूल नहीं आते।
यह स्थिति चिंताजनक है, विशेषकर जब राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। शिक्षकों की इस लापरवाही से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है।