रात का अंधेरा कई जीव-जंतुओं के लिए विशेष अवसर लाता है। कुछ जानवरों की आँखें रात के समय बेहद तेज होती हैं, जिससे वे अंधेरे में भी आसानी से देख सकते हैं। ऐसे जानवरों का रात में सक्रिय रहना और दिन में छिपे रहना उनकी जीवित रहने की रणनीति का हिस्सा है। आइए जानते हैं छह ऐसे जानवरों के बारे में जिनकी नजरें रात में तेज़ होती हैं, जबकि दिन में वे अपेक्षाकृत कमज़ोर पड़ जाती हैं।
1. उल्लू
उल्लू को रात का शिकारी कहा जाता है। इसकी आँखें बड़े आकार की होती हैं, जो रात के अंधेरे में भी बेहतर दृष्टि प्रदान करती हैं। ये छोटे जानवरों और कीड़ों का शिकार करते हैं और दिन में आमतौर पर अपने घोंसले में आराम करते हैं।
2. बिल्ली
बिल्लियाँ भी रात में अच्छे से देख सकती हैं। उनकी आँखों में विशेष कोशिकाएँ होती हैं, जिन्हें “टेपेटम लूसिडम” कहा जाता है, जो अंधेरे में प्रकाश को प्रतिबिंबित करती हैं। दिन के उजाले में, बिल्लियाँ आमतौर पर सोती हैं या छिप जाती हैं।
3. चमगादड़
चमगादड़ भी रात के समय सक्रिय होते हैं। ये अपने चारों ओर की वस्तुओं का पता लगाने के लिए सोनार प्रणाली का उपयोग करते हैं। हालांकि, उनकी दृष्टि दिन में कमज़ोर होती है, इसलिए वे अधिकतर रात में उड़ते हैं।
4. जंगली कुत्ते
जंगली कुत्ते, जैसे कि भेड़िये, भी रात में शिकार करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी आँखें रात में देखने में सक्षम होती हैं, जबकि दिन के समय वे अक्सर छिपकर समय बिताते हैं।
5. मोर
हालांकि मोर सुंदर होते हैं और दिन में भी सक्रिय होते हैं, लेकिन रात में ये अपने रुख़ को बदलकर शिकारियों से बचने के लिए अपने रंग को छिपाते हैं। उनकी आँखें रात में थोड़ी बेहतर होती हैं, लेकिन दिन में भी उनकी गतिविधियाँ कम हो जाती हैं।
6. रात के साप
कुछ साप, जैसे कि पाइथन, रात के समय शिकार करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी आँखें रात में देखने के लिए अनुकूलित होती हैं, जिससे वे आसानी से अपने शिकार को पकड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
रात के जानवरों की यह विशेषता उन्हें अपने पर्यावरण में जीवित रहने में मदद करती है। उनकी दृष्टि की अनूठी विशेषताएँ उन्हें शिकार करने और अपने शिकारियों से बचने में सहायता करती हैं।