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Monday, December 15, 2025
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बिजली कटौती और मूल्यवृद्धि के खिलाफ राज्यव्यापी कांग्रेस प्रदर्शन

राजधानी क्षेत्रों में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज

रायपुर । नगर कांग्रेस ने आज राज्य के सभी ब्लॉकों में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपा, बिजली कटौती और दामों में बढ़ोतरी के विरोध में। भाजपा की सरकार राज्य में बिजली की कटौती से परेशान है। कांग्रेस ने बिजली कटौती और महंगी बिजली से परेशान जनता की आवाज उठाने के लिए जनआंदोलन शुरू किया है।कांग्रेस के सभी  नेता अपने-अपने क्षेत्रों में धरनों में भाग लिया। राजधानी रायपुर में हुए धरने में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी शामिल हुए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री दोनों राजीव गांधी चौक, कुशालपुर रिंग रोड, सिद्धार्थ चौक के धरने में शामिल हुए। डॉ. चरणदास महंत ने जांजगीर-चांपा सक्ती के धरने में भाग लिया।

राजधानी रायपुर में धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ पिछले छह महीने में विद्युत की कमी का केंद्र बन गया है। सप्ताह में एक दिन भी नहीं होता जब बिजली दो या चार घंटे के लिये बंद नहीं होती; रात में बिजली की हालत और खराब हो जाती है, घंटों बिजली गोल हो जाती है। भाजपा सरकार और व्यवस्थाओं को संभाल नहीं पा रहा है। सरकार एक तो बिजली पूरी तरह नहीं दे पा रही है, और फिर उपभोक्ताओं पर अधिक खर्च कर रही है।विभिन्न जिलों में पूरी रात बिजली कटौती की जा रही है। भाजपा सरकार में आम लोगों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप बिजली नहीं मिल रही है। शहर और गांव दोनों में बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या है। कांग्रेस की सरकार 24 घंटे बिजली देती थी। गर्मी के दिनों में बिजली की मांग बढ़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली खरीदी जाती थी और आम लोगों को 24 घंटे बिजली मिलती थी। रवि फसल लगाने वाले किसानों को भी बोरवेल चलाने के लिए बिजली मुफ्त मिलती थी। कांग्रेस सरकार ने 5 वर्षों तक बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल हाफ योजना शुरू की।प्रदेश के ४४ लाख घरेलू ग्राहक इससे ४० से ४० हजार रुपये की बचत पाते हैं, जो पांच वर्षों में प्रत्येक ग्राहक को मिली है। भाजपा सरकार महिलाओं को प्रति महीने 1000 रू. देकर बिजली बिल दुगुना वसूल रही है।

धरने को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पूरे पांच साल सरप्लस बिजली उपभोक्ताओं को दी थी. इसके बाद, छत्तीसगढ़ से तेलंगाना, गोवा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों को पवार एक्सचेंज एग्रीमेंट के तहत बिजली दी गई। अब भाजपा की सरकार में बिजली की अघोषित कटौती जारी है।

छत्तीसगढ़ में वर्तमान में मांग से अधिक मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आने के बाद से विद्युत उत्पादन और आपूर्ति अत्यधिक बाधित हो रही है। 1320 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता वाले कोरबा पश्चिम में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने वर्ष में लगभग साढ़े 7 प्रतिशत की दर से बिजली की मांग बढ़ने का अनुमान लगाया था, लेकिन भाजपा की सरकार आने के बाद से योजना ठंडे बस्ते में चली गई है।डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ की जनता को बिजली और पानी की कमी है। भाजपा की डबल इंजन सरकार निजी कंपनियों पर निर्भरता बढ़ाकर आम लोगों को लूटने का षड्यंत्र कर रही है केंद्रीय भाजपा सरकार ने लाया गया “विद्युत संशोधन 2020 विधेयक” को रोकना चाहिए, अन्यथा बिजली की दरें भारी हो जाएंगी।

2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार ने हर साल बिजली की दरों में वृद्धि की, लगभग 300 प्रतिशत, या तीन गुना, और 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल को विभाजित कर पांच कंपनी बनाकर जनता पर आर्थिक बोझ डाला. अब वही प्रक्रिया फिर से शुरू हुई है। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बिजली बिल हॉफ योजना के तहत 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर बिजली की समस्याओं में बड़ी राहत दी है।किसानों, अस्पतालों, उद्योगों को सस्ती बिजली, बीपीएल उपभोक्ताओं को ४० यूनिट तक मुफ्त बिजली, और किसानों को पांच एचपी निःशुल्क बिजली दी गई है। भाजपा की सरकार आने के बाद बिजली बिल दोगुना होने लगे और कटौती शुरू हो गई।

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