Tech News Desk: बीएसएनएल एक सरकारी टेलीकॉम कंपनी है, जो अपने किफायती प्लान्स के लिए जानी जाती है। यह एक बहुत पुरानी कंपनी है, लेकिन हाल ही में जब प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने टैरिफ प्लान्स की कीमतों में बढ़ोतरी की, तो यह अधिक चर्चा में आ गया।
सबसे पहले देश के सबसे अमीर आदमी और जाने-माने बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने अपने रिचार्ज प्लान्स महंगे कर दिए। कंपनी ने रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में 12.5 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी की। इसके बाद दूसरी टेलीकॉम कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने भी कीमतों में बढ़ोतरी कर दी।
बीएसएनएल की घर वापसी
बढ़ी कीमतों से परेशान होकर लोगों ने आलोचना शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर बॉयकॉटजियो, बीएसएनएल की घर वापसी जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोगों ने सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल का रुख किया और अपने नंबर पोर्ट कराने की बात करने लगे। प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ प्लान्स की कीमत बढ़ने से लोग बीएसएनएल की घर वापसी करने लगे।
बीएसएनएल की सर्विस
बीएसएनएल अपने किफायती रिचार्ज प्लान्स के लिए जरूर जानी जाती है। यही वजह है कि ज्यादातर लोग अपना नंबर जियो या एयरटेल से बीएसएनएल में पोर्ट करा रहे हैं। लेकिन, सर्विस के मामले में बीएसएनएल प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से काफी पीछे है। प्राइवेट कंपनियां 5जी सर्विस दे रही हैं। वहीं, बीएसएनएल अभी भी 4जी सर्विस दे रहा है। यही वजह है कि आज के समय में बीएसएनएल प्राइवेट कंपनियों से काफी पीछे है। लेकिन, हमेशा ऐसा नहीं था।
एक समय में पॉपुलर थी कंपनी
एक समय में बीएसएनएल देश की लीडिंग टेलीकॉम कंपनी हुआ करती थी। इसका यूजर बेस भी काफी अच्छा था। करीब 20-25 साल पहले बीएसएनएल का टेलीकॉम मार्केट शेयर 18% से ज्यादा था, जो अब 2.5% से भी कम रह गया है। हालांकि, अब हालात बदल रहे हैं। प्राइवेट कंपनियों द्वारा रिचार्ज प्लान की कीमतें बढ़ाना बीएसएनएल के लिए संजीवनी साबित हुआ। जुलाई के पहले 15 दिनों में 15 लाख से ज्यादा यूजर जुड़े हैं। 8 साल में 7 करोड़ यूजर बीएसएनएल को छोड़ चुके हैं। बीएसएनएल को अभी अपनी सर्विस को और बेहतर बनाने की जरूरत है।