राज्यपाल रमेन डेका ने कहा है कि स्वस्थ रहने के लिए हमें प्रकृति के नियमों का ध्यान रखा जाना चाहिए। हमारा खान-पान और जीवन शैली प्रकृति के अनुरूप होने से हम बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं।
राज्यपाल रमेन डेका कल रायुपर के एक निजी होटल में आयेाजित छत्तीसगढ़ ओबिसिटीज़, डायबिटिज एंड इंडोक्राइन (मोटापा, मधुमेह, अंतःस्रावी) सोसाइटी (कोड) के तृतीय वार्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज डायबिटीज़, मोटापा और हार्माेन संबंधी बीमारियां न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में भी एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनकर उभर रही है। भारत को दुनिया का डायबिटीज कैपिटल कहा जाने लगा है, छत्तीसगढ़ की स्थिति भी चिंता बढ़ाती है।
राज्य में 15 से 19 आयु समूह में लगभग 9 से 10 प्रतिशत वयस्कों में ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक पाया गया है और शहरी क्षेत्रों में यह प्रतिशत और तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज, मोटापा और मानसिक बीमारी ये सब हमारी सिविलाइजेशन से पैदा हुई समस्या है। दरअसल, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण प्रदूषण- विशेषकर माइक्रो प्लास्टिक का उपयोग हमारी सेहत पर विपरीत असर डालने वाली एक बड़ी चुनौती है।


