Mumbai: प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) ने शुक्रवार को सीजन 12 के लिए महत्वपूर्ण प्रारूप में बदलावों की घोषणा की, जिसमें प्रतिस्पर्धा को तेज करने और प्रशंसकों को अधिक रोमांचक कबड्डी एक्शन प्रदान करने के लिए एक उन्नत लीग चरण और संशोधित प्लेऑफ संरचना पेश की गई।
पीकेएल की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आगामी सीजन – जो 29 अगस्त से शुरू होगा – विजाग, जयपुर, चेन्नई और दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिससे पीकेएल का अनुभव भारत के प्रशंसकों के और करीब पहुंच जाएगा।
-उन्नत लीग चरण संरचना आगामी सीज़न में 108 मैचों का एक रोमांचक लीग चरण होगा, जहाँ प्रत्येक टीम 18 मैच खेलेगी। यह प्रारूप प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि टीमों को पूरे लीग चरण में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़े, साथ ही प्रशंसकों के लिए उच्च-तीव्र कबड्डी एक्शन भी बना रहे। यह प्रत्येक फ्रैंचाइज़ी को अपनी क्षमता दिखाने के पर्याप्त अवसर भी प्रदान करेगा। -व्यापक टाई-ब्रेकिंग प्रणाली
पीकेएल सीज़न 12 में सभी लीग-स्टेज मैचों के लिए गोल्डन रेड फॉर्मेट सहित एक व्यापक टाई-ब्रेकर नियम प्रणाली लागू की गई है। पहले केवल प्लेऑफ़ मैचों तक सीमित, यह प्रणाली अब पूरे टूर्नामेंट में निर्णायक परिणाम सुनिश्चित करती है। बराबरी की स्थिति में, टीमें निम्नलिखित विशेष नियमों के साथ संरचित 5-रेड शूटआउट में भाग लेंगी: -दोनों टीमें 7 खिलाड़ियों को मैदान में उतारती हैं, जिसमें बॉल्क लाइन को बॉल्क लाइन सह बोनस लाइन माना जाता है
-प्रत्येक टीम 5 अलग-अलग रेडरों को नामित करती है जो बारी-बारी से रेड करते हैं -आउट और रिवाइवल नियम लागू नहीं होते – केवल अर्जित अंक ही गिने जाते हैं -यदि 5 रेड के बाद भी बराबरी हो, तो गोल्डन रेड नियम लागू होता है गोल्डन रेड प्रारूप निर्णायक क्षणों में नाटकीयता जोड़ता है, जहाँ एक नया टॉस तय करता है कि किस टीम को निर्णायक रेडिंग का मौका मिलेगा। अगर गोल्डन रेड के बाद भी दोनों टीमें बराबरी पर रहती हैं, तो विजेता का फैसला सिक्का उछालकर किया जाता है।
यह नया नियम पीकेएल की प्रतिस्पर्धी भावना को बनाए रखता है, साथ ही बराबरी के परिणामों को समाप्त करता है, निर्णायक परिणाम सुनिश्चित करता है और प्रत्येक मैच में नाटकीयता को बढ़ाता है। -सरलीकृत अंक तालिका प्रणाली प्रशंसकों के लिए स्पष्टता और सुगमता बढ़ाने के प्रयासों के तहत, प्रो कबड्डी लीग ने आगामी सीज़न के लिए अपनी अंक प्रणाली को सरल बना दिया है।
अब टीमों को जीत पर 2 अंक और हार पर 0 अंक दिए जाएँगे। संशोधित प्रारूप स्टैंडिंग को और अधिक सरल और समझने में आसान बनाता है, जिससे लीग अपने प्रशंसकों को एक स्पष्ट और आकर्षक अनुभव प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को और पुष्ट करती है। -प्ले-इन्स और प्लेऑफ़ प्रारूप में सुधार की शुरुआत इस सीज़न में प्ले-इन्स के साथ-साथ एक नए प्लेऑफ़ ढांचे की भी शुरुआत होगी।
पहली बार, लीग चरण की शीर्ष 8 टीमों को प्लेऑफ़ के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा, जिससे ज़्यादा फ़्रैंचाइज़ियों के लिए ट्रॉफी के लिए प्रतिस्पर्धा करने के अवसर खुलेंगे। साथ ही, प्ले-इन्स यह सुनिश्चित करते हैं कि लीग-चरण की हर स्थिति का महत्व बढ़ जाए, जिससे हर मैच पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाएगा। नये ढांचे के अंतर्गत: – 5वें से 8वें स्थान पर रहने वाली टीमें प्ले-इन मैचों में भिड़ेंगी, जिसमें विजेता टीमें एलिमिनेटर में पहुंचेंगी।
तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमें मिनी-क्वालीफायर में आमने-सामने होंगी। विजेता आगे बढ़ेगा, जबकि हारने वाली टीम को प्लेऑफ़ में आगे एक और मौका मिलेगा। लीग चरण की शीर्ष दो टीमें (पहली और दूसरी) क्वालीफायर 1 में भिड़ेंगी, जिसमें विजेता सीधे फाइनल में पहुँच जाएगी। हारने वाली टीम क्वालीफायर 2 के ज़रिए फाइनल में एक और मौका पा सकेगी। -प्लेऑफ का सफर अब तीन एलिमिनेटर और दो क्वालीफायर से होकर गुजरेगा, जिससे फाइनल मुकाबले के लिए रोमांचक तैयारी सुनिश्चित होगी। यह नई संरचना प्रतियोगिता की तीव्रता को बढ़ाती है, अधिक प्रशंसकों को लंबे समय तक जोड़े रखती है, तथा चैंपियनशिप के रास्ते में प्रत्येक मैच में दांव को बढ़ाती है।


