भारत ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव पर अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है और दो टूक लहजे में कहा है कि अमेरिकी पैनल USCIRF की रिपोर्ट लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की स्थिति को कमतर करने की एक कोशिश है, जो कभी सफल नहीं होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि USCIRF की नवीनतम रिपोर्ट “पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित आंकलन” जारी करने के अपने पुराने पैटर्न को दोहराती है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने कड़े शब्दों में कहा कि लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की स्थिति को कमजोर करने के अमेरिकी प्रयास सफल नहीं होंगे। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इसकी रिपोर्ट पर गौर करने की बजाय USCIRF को ही “चिंताजनक संस्था” के रूप में नामित किया जाना चाहिए क्योंकि यह सहिष्णुता और सदभाव को कमजोर करता रहा है।
USCIRF ही चिंताजनक संस्था के रूप में नामित हो
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “USCIRF द्वारा अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और भारत के जीवंत बहुसांस्कृतिक समाज पर संदेह जताने के लगातार प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वास्तविक चिंता के बजाय एक जानबूझकर किए गए एजेंडे को दर्शाते हैं। ऐसे में सही मायने में USCIRF को ही चिंताजनक संस्था के रूप में नामित किया जाना चाहिए।”