छत्तीसगढ़ सरकार ने किया किशोर न्याय बोर्ड का गठन, बाल न्याय प्रणाली होगी मजबूत
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत नए किशोर न्याय बोर्डों का गठन किया है। यह बोर्ड राज्य के विभिन्न जिलों में बाल अपराधों से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगा और बाल अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगा।
क्या है किशोर न्याय बोर्ड?
किशोर न्याय बोर्ड का गठन किशोर अपराधों की सुनवाई और सुधारात्मक न्याय प्रणाली को लागू करने के लिए किया जाता है। यह बोर्ड न्यायिक प्रक्रिया को संवेदनशील और बाल-सुलभ बनाता है, जिससे नाबालिगों को सुधार का अवसर मिल सके।
बोर्ड की संरचना
- एक प्रधान दंडाधिकारी (मुख्य न्यायिक अधिकारी)
- दो सामाजिक कार्यकर्ता सदस्य, जिनका अनुभव बाल कल्याण और सुधार कार्यों में हो
बच्चों के हित में सरकार की पहल
छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम किशोर अपराधों की रोकथाम और सुधारात्मक न्याय प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे बाल अपराधों की निष्पक्ष जांच और पुनर्वास योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों की राय में यह कदम न केवल बाल संरक्षण को बढ़ावा देगा बल्कि किशोरों को एक नई दिशा देने में सहायक होगा।
आपकी राय क्या है?
क्या आपको लगता है कि यह पहल बाल अपराधों की रोकथाम में सहायक होगी? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!