भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष अनुसंधान में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) के वैज्ञानिकों की टीम ने माउंट आबू वेधशाला में 2.5 मीटर दूरबीन की मदद से सौर मंडल से बाहर एक नया और विशाल ग्रह खोजा है। इस ग्रह को TOI-6038A b नाम दिया गया है।
ग्रह की विशेषताएँ:
🔹 यह ग्रह इतना बड़ा है कि इसमें 263 पृथ्वी समा सकती हैं।
🔹 इसका द्रव्यमान पृथ्वी से 78.5 गुना अधिक और त्रिज्या 6.41 गुना बड़ी है।
🔹 यह एक बाइनरी सिस्टम का हिस्सा है और शनि जैसा घना ग्रह माना जा रहा है।
🔹 वैज्ञानिकों को इसमें विशाल चट्टानी कोर होने के संकेत मिले हैं।
कौन-से तारे की परिक्रमा कर रहा है यह ग्रह?
TOI-6038A b एक धातु-समृद्ध F-प्रकार के तारे की परिक्रमा कर रहा है, जो हमारे सूर्य से अधिक गर्म और चमकीला होता है। इसकी कक्षा लगभग गोलाकार है और यह अपने तारे का एक चक्कर 5.83 दिनों में पूरा कर लेता है।
क्यों है यह खोज महत्वपूर्ण?
इस ग्रह को “सब-सैटर्न” की श्रेणी में रखा गया है, जो नेपच्यून और गैस दानव ग्रहों (शनि व बृहस्पति) के बीच आता है। हमारे सौर मंडल में इस तरह का कोई ग्रह नहीं है, इसलिए यह ग्रहों के निर्माण और उनके विकास को समझने के लिए बेहद अहम खोज मानी जा रही है।
इस खोज की आधिकारिक घोषणा इसरो ने की और इसका पूरा विवरण एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है। यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष शोध में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ती है!