बलौदाबाजार हिंसा मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सतनामी समाज के 27 लोगों की जमानत मंजूर कर ली है। ये सभी लोग 10 जून 2024 को कलेक्ट्रेट परिसर में हुई हिंसा और आगजनी के मामले में जेल में बंद थे। वहीं, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, और वे आज शाम 5 बजे तक रिहा हो सकते हैं।
187 गिरफ्तार, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान
गौरतलब है कि 10 जून 2024 को बलौदाबाजार में हिंसा भड़क उठी थी। उग्र भीड़ ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था। इस घटना में पुलिस ने कुल 187 लोगों को गिरफ्तार किया था। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा में 12.53 करोड़ रुपये की शासकीय एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
कैसे भड़की थी हिंसा?
यह घटना गिरौदपुरी धाम स्थित महकोनी ग्राम के अमरगुफा विवाद के बाद उग्र प्रदर्शन का रूप ले बैठी। 10 जून को हजारों की संख्या में लोग बलौदाबाजार पहुंचे और कलेक्ट्रेट परिसर में तोड़फोड़ व आगजनी शुरू कर दी। उपद्रवियों ने 200 से अधिक वाहनों, दो दमकल गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। इस दौरान 25 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
राज्य में मची थी हलचल
यह घटना राज्य में अब तक की सबसे बड़ी हिंसा में से एक थी, जिसने पूरे छत्तीसगढ़ को हिलाकर रख दिया। प्रशासनिक दफ्तरों को जलाने की यह देश की पहली घटना थी। पुलिस और प्रशासन ने हालात काबू में करने के लिए कड़े कदम उठाए, जिसके तहत 187 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
अब हाईकोर्ट के फैसले से 27 लोगों को राहत मिली है, जबकि विधायक देवेंद्र यादव की रिहाई भी तय हो चुकी है। इस फैसले के बाद बलौदाबाजार के हालात पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।