पूरब टाइम्स रायपुर। वार्ड नंबर 18 में चुनावी माहौल चरम पर है और निर्दलीय प्रत्याशी मुकेश चौधरी के समर्थन में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रचार के अंतिम दिन उन्होंने एक भव्य रोड शो निकालकर अपनी ताकत दिखाई। वार्ड की सड़कों पर हजारों की संख्या में समर्थक जुटे, और जगह-जगह गुलाल उड़ाकर व फूल बरसाकर उनका भव्य स्वागत किया गया।
“बीजेपी और कांग्रेस को बहुत मौके मिले, अब मुझे आजमाइए” मुकेश चौधरी
अपने संबोधन में मुकेश चौधरी ने जनता से अपील करते हुए कहा,”आपने कांग्रेस और बीजेपी को बहुत मौके दिए, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। अब वार्ड की जनता को बदलाव की जरूरत है। मैं वादा करता हूं कि अगर आप मुझे चुनते हैं, तो मैं आपकी हर समस्या को अपनी जिम्मेदारी समझूंगा और दिन-रात मेहनत करूंगा।” उन्होंने कहा कि टॉर्च छाप सिर्फ एक चुनाव चिन्ह नहीं, बल्कि रोशनी का प्रतीक है, जो वार्ड के हर घर तक विकास की रोशनी पहुंचाएगा।
विकास को बनाया प्राथमिक एजेंडा
मुकेश चौधरी ने अपने चुनावी अभियान के दौरान जनता से कई बड़े वादे किए: पानी की समस्या का स्थायी समाधान, वार्ड की टूटी सड़कों का पुनर्निर्माण, हर गली में सफाई और जल निकासी व्यवस्था, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं,उन्होंने कहा कि उनका मकसद सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि जनता की सेवा करना है।
रोड शो बना शक्ति प्रदर्शन, समर्थकों का उमड़ा सैलाब-रोड शो के दौरान हजारों की संख्या में लोग झंडे और बैनर लेकर उनके समर्थन में नारे लगाते नजर आए। लोगों ने “मुकेश चौधरी जि़ंदाबाद”, “टॉर्च छाप की जीत हो” जैसे नारे लगाकर अपना समर्थन जताया।
युवा और बुजुर्ग, सभी ने दिया समर्थन
वार्ड के युवाओं ने भी इस चुनाव में नई उम्मीद के साथ मुकेश चौधरी का समर्थन किया। वहीं, बुजुर्गों और महिलाओं ने भी भरोसा जताया कि इस बार वार्ड का नेतृत्व एक ईमानदार और मेहनती प्रत्याशी को मिलना चाहिए।क्या निर्दलीय प्रत्याशी पलट देंगे खेल? मुकाबला हुआ रोमांचक-अब तक वार्ड नंबर 18 में पारंपरिक रूप से बड़े दलों का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार निर्दलीय प्रत्याशी मुकेश चौधरी की मजबूत दावेदारी ने चुनाव को बेहद रोचक बना दिया है। चुनाव प्रचार में जिस तरह से जनता का समर्थन दिखा, उससे यह साफ हो गया है कि इस बार मुकाबला कांटे का होने वाला है।अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वार्ड नंबर 18 की जनता अपने वोट से क्या फैसला सुनाती है, क्या निर्दलीय प्रत्याशी इतिहास रच पाएंगे?
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