महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को करारा झटका देने की पूरी तैयारी कर ली है। खबरों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के 6 सांसद जल्द ही इस्तीफा देकर शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं। इस घटनाक्रम के बाद राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
‘ऑपरेशन टाइगर’ से ठाकरे गुट को बड़ा नुकसान
सूत्रों के अनुसार, इस सियासी हलचल को ‘ऑपरेशन टाइगर’ नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि ठाकरे गुट के 9 में से 6 सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं और आगामी संसद सत्र से पहले इस प्रक्रिया को पूरा करने की योजना बनाई जा रही है। महाराष्ट्र की राजनीति में इससे पहले भी एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को झटका दिया था, जब उन्होंने शिवसेना के बड़े हिस्से को अपने साथ मिला लिया था। अब एक बार फिर यह इतिहास दोहराया जा सकता है।
आगे पढ़ेदल-बदल विरोधी कानून से बचाव की रणनीति
माना जा रहा है कि दल-बदल विरोधी कानून से बचने के लिए कम से कम 6 सांसदों की जरूरत थी। इसीलिए शिंदे गुट पूरी तरह सुनिश्चित करना चाहता है कि पर्याप्त संख्या में सांसद उनके साथ आएं। अगर यह संख्या पूरी हो जाती है, तो कानूनी कार्रवाई से बचा जा सकता है और नया गुट मान्यता प्राप्त कर सकता है।
सांसद क्यों छोड़ रहे उद्धव ठाकरे का साथ?
उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ने वाले सांसदों की मुख्य चिंता उनका राजनीतिक भविष्य बताया जा रहा है। वे अगले 5 सालों तक सत्ता के साथ रहना चाहते हैं और केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार से भी लाभ लेना चाहते हैं। शिंदे गुट के भाजपा के साथ गठबंधन के चलते उन्हें विकास कार्यों में मदद मिलेगी और वित्तीय सहायता की कोई कमी नहीं होगी। इसके अलावा, शिवसेना का चुनाव चिह्न और पार्टी का नाम शिंदे गुट के पास होने के कारण ठाकरे गुट की राजनीतिक स्थिति कमजोर होती जा रही है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता बरकरार
इस नए घटनाक्रम से महाराष्ट्र की राजनीति में अस्थिरता का नया दौर शुरू हो सकता है। विपक्ष पहले ही सरकार पर हमलावर है और अब अगर ठाकरे गुट में बड़ी टूट होती है, तो राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।
अब देखना होगा कि ‘ऑपरेशन टाइगर’ कितना सफल होता है और इसका महाराष्ट्र की राजनीति पर कितना असर पड़ता है।
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