लिकोरिया (Leucorrhea) एक सामान्य स्थिति है, जिसमें महिलाओं को सफेद या हल्के पीले रंग का द्रव (वह शारीरिक स्त्राव) होता है। यह स्त्राव योनि से निकलता है और यह मुख्यतः महिला के प्रजनन अंगों की स्वच्छता और सुरक्षा के लिए होता है।
लिकोरिया होने के कारण:
हॉर्मोनल बदलाव: गर्भावस्था, मासिक धर्म, या यौवन के दौरान हॉर्मोनल परिवर्तन लिकोरिया का कारण बन सकते हैं।
संक्रमण: बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण, जैसे कि यीस्ट इन्फेक्शन (Candida) या बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis), लिकोरिया का कारण हो सकते हैं।
स्वच्छता की कमी: यदि व्यक्तिगत स्वच्छता ठीक से न रखी जाए, तो यह संक्रमण या जलन का कारण बन सकता है।
अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ: कुछ स्वास्थ्य समस्याएँ, जैसे शुगर (diabetes), पाइल्स या गर्भाशय संबंधीविकार, लिकोरिया का कारण बन सकती हैं।
मानसिक तनाव और चिंता: मानसिक तनाव और चिंता से भी हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, जो लिकोरिया का कारण बन सकते हैं।
खानपान: संतुलित आहार की कमी भी लिकोरिया को बढ़ा सकती है।
लिकोरिया के लक्षण:
- सफेद या हल्के पीले रंग का पतला स्त्राव।
- बदबूदार या मछली जैसी गंध (संक्रमण की स्थिति में)।
- खुजली या जलन।
- दर्द या असहजता।
लिकोरिया का इलाज:
- स्वच्छता बनाए रखें: हर दिन योनि की स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। गुनगुने पानी से धोने से संक्रमण की संभावना कम होती है।
- एंटीफंगल या एंटीबायोटिक दवाएं: अगर लिकोरिया का कारण संक्रमण हो, तो डॉक्टर एंटीफंगल या एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं।
- संतुलित आहार: एक स्वस्थ आहार लें, जिसमें पर्याप्त पोषक तत्व, विटामिन और खनिज शामिल हों।
- वजन और तनाव को नियंत्रित करें: मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान और अन्य उपायों का पालन करें।
यदि लिकोरिया गंभीर हो या लंबे समय तक रहे, तो चिकित्सक से संपर्क करना महत्वपूर्ण होता है।


