
आरएसएस पर दी गई कथित टिप्पणी के मामले में हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए भिवंडी कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है। मानहानि का मामला दस साल पुराना है। इससे पहले साल 2021 में भी इसी मामले से जुड़ी याचिका खारिज हो चुकी है।
मुंबई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मानहानि से जुड़े एक मामले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें भिवंडी कोर्ट ने सबूत के तौर पर कुछ अतिरिक्त दस्तावेजों को अनुमति दी थी।
राहुल गांधी की याचिका न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण के समक्ष पेश की गई। इसमें कहा गया कि भिवंडी कोर्ट ने आरएसएस अध्यक्ष राजेश कुंटे को तय समय के बाद भी कुछ दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी थी।

बता दे कि इससे पहले 2021 आरएसएस कार्यकर्ता कुंटे ने भी एक अन्य याचिका दायर की थी, जिसमें मांग की गई थी कि राहुल गांधी कथित अपमानजनक भाषण को स्वीकार अथवा अस्वीकार करें। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
क्या है मामला?
2014 में, राहुल गांधी ने बाहरी मुंबई में एक चुनावी सभा को संबोधित किया था। उसने दावा किया कि “आरएसएस के व्यक्ति ने गांधी की हत्या की थी।”बाद में स्थानीय पुलिस अधिकारी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया।