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जंग का खर्चा निकालने रूस बेचेगा जेलेंस्की का पेंटहाउस:रूसी नेता बोले- ये हमारी संपत्ति

रूस-यूक्रेन जंग पिछले 15 महीनों से जारी है। इस बीच रूस ने जेलेंस्की का हॉलिडे पेंटहाउस बेचने का फैसला किया है। उसने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के इस घर के साथ ही 57 प्रॉपर्टीज को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया है। जेलेंस्की का ये घर उनकी पत्नी ओलेना जेलेंस्का के नाम पर है। ये क्रीमिया में ब्लैक सी के तट पर बना हुआ है क्रीमिया के स्पीकर व्लादिमीर कॉन्सटैंटिनोव ने कहा- हम इस घर को बेचने की सूचना जारी करेंगे। इससे मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल यूक्रेन में चल रहे स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन और जंग में मारे गए सैनिकों के परिवारों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। जेलेंस्की का पेंटहाउस बेचने पर रूसी नेता ने कहा कि क्रीमिया रूस का हिस्सा है। हम यहां की संपत्ति से रूस के दुश्मनों को मुनाफा नहीं होने देंगे। रूस जंग के दौरान अपनी मिलिट्री पर 7 लाख करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च कर चुका है।

जेलेंस्की की पत्नी ने 2013 में खरीदा था पेंटहाउस, अब इसकी कीमत साढ़े 6 करोड़
राष्ट्रपति जेलेंस्की की पत्नी ओलेना जेलेंस्का ने 2013 में क्रिमिया के लिवादिया शहर में 3 कमरे का एक पेंटहाउस खरीदा था। तब इसकी कीमत करीब 1 करोड़ 35 लाख रुपए थी। इसके ठीक एक साल बाद 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। जेलेंस्का कभी भी इस घर का इस्तेमाल नहीं कर पाईं क्योंकि इसमें अभी रेनोवेशन का काम बचा हुआ था। रूसी स्टेट मीडिया ने अब इस घर की कीमत करीब साढ़े 6 करोड़ रुपए बताई है।

क्रीमिया में 65% लोग रूसी मूल के जबकि 15% लोग यूक्रेनी
यूक्रेन साल 1991 में आजाद हुआ था। क्रीमिया हमेशा से यूक्रेन का हिस्सा नहीं था, बल्कि एक सोवियत नेता ने तोहफे के तौर पर इसे यूक्रेन को सौंपा था। क्रीमिया में 65 प्रतिशत लोग रूसी मूल के हैं, जबकि 15 फीसदी यूक्रेनी मूल के लोगों की है। साल 2010 में यूक्रेन ने रूस के साथ समझौता किया, जिसके तहत रूसी सेना के बेड़े को 25 साल तक क्रीमिया में रहने की इजाजत दी गई। इसके बदले रूस ने गैस की कीमतें 30 फीसदी कम कर दीं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 18 मार्च 2014 को क्रीमिया के नेताओं के साथ इसके रूस में शामिल होने की संधि पर साइन किए थे।

रूस ने 2014 में किया था क्रीमिया पर कब्जा
मार्च 2014 में क्रीमिया में रूसी शासन के पक्ष में 96 प्रतिशत मतदान हुआ था। यूक्रेन छोड़कर रूस का हिस्सा बनने के लिए क्रीमिया में जनमत संग्रह की तैयारी के साथ यूक्रेन में शीतयुद्ध जैसा सुरक्षा संकट बढ़ गया है। इसके तुरंत बाद रूसी सेना और रूस समर्थक हथियारबंद फौज ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने क्रीमिया में हुए जनमत संग्रह को अमान्य घोषित कर दिया था। UN में इसे लेकर हुए मतदान में 193 में से 100 देशों ने जनमत संग्रह को अमान्य घोषित करने के पक्ष में और 11 ने इसके खिलाफ वोट दिया था, जबकि 58 देशों ने वोटिंग नहीं की थी।

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