भारत में आगामी शादी के मौसम से 5.9 ट्रिलियन रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है। जानें कैसे 4.8 मिलियन शादियाँ अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगी।
भारत के खुदरा क्षेत्र में शादी के मौसम के आगमन के साथ आर्थिक गतिविधियों में अभूतपूर्व उछाल देखने को मिल रहा है। यह शादी का मौसम 12 नवंबर 2024 से शुरू होने जा रहा है और इस दौरान 4.8 मिलियन शादियों का आयोजन होने की उम्मीद है। अखिल भारतीय व्यापारी संघ (CAIT) के एक अध्ययन के अनुसार, इस अवधि में लगभग 5.9 ट्रिलियन रुपये का व्यापार होने की संभावना है।
पिछली वर्ष की तुलना में वृद्धि
पिछले वर्ष की तुलना में, जब 3.5 मिलियन शादियों के दौरान 4.25 ट्रिलियन रुपये का व्यापार हुआ था, यह वृद्धि काफी महत्वपूर्ण है। इस वर्ष 18 शुभ विवाह तिथियों की अपेक्षा है, जबकि पिछले वर्ष 11 तिथियाँ थीं। दिल्ली में ही लगभग 450,000 शादियों का आयोजन होने की उम्मीद है, जो कुल व्यापार में 1.5 ट्रिलियन रुपये का योगदान देगा।
शुभ विवाह तिथियाँ
CAIT के वेद और आध्यात्मिक समिति के संयोजक आचार्य दुर्गेश तारे के अनुसार, विवाह का मौसम 12 नवंबर, देवउठनी एकादशी से शुरू होगा और 16 दिसंबर तक चलेगा। महत्वपूर्ण तिथियों में शामिल हैं: 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28, 29 नवंबर और 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15, 16 दिसंबर। इसके बाद, जनवरी 2025 से मार्च तक फिर से शादियों का आयोजन होगा।
‘लोकल के लिए वोकल’ का प्रभाव
CAIT के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि भारतीय उत्पादों की प्राथमिकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल के लिए वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के अनुरूप है। विदेशी उत्पादों की बजाय स्थानीय उत्पादों की ओर बढ़ते हुए उपभोक्ताओं की पसंद भारतीय निर्माताओं के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।
शादी के खर्चों का विस्तृत विवरण
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भारती ने अनुमानित शादी के खर्चों पर प्रकाश डाला:
- 100,000 शादियाँ, प्रत्येक पर 3 लाख रुपये खर्च
- 1 मिलियन शादियाँ, प्रत्येक पर 6 लाख रुपये खर्च
- 1 मिलियन शादियाँ, प्रत्येक पर 10 लाख रुपये खर्च
- 1 मिलियन शादियाँ, प्रत्येक पर 15 लाख रुपये खर्च
- 700,000 शादियाँ, प्रत्येक पर 25 लाख रुपये खर्च
- 50,000 शादियाँ, प्रत्येक पर 50 लाख रुपये खर्च
- 50,000 शादियाँ, प्रत्येक पर 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक खर्च
सामान और सेवाओं में वृद्धि
खुदरा क्षेत्र में इस शादी के मौसम से सामान और सेवाओं की मांग में वृद्धि होगी। प्रमुख क्षेत्रों में सामानों पर खर्च की अपेक्षा है:
- कपड़े, साड़ी, लहंगे और परिधान (10%)
- आभूषण (15%)
- इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता स्थायी सामान (5%)
- मेवे, मिठाई और स्नैक्स (5%)
- किराना और सब्जियाँ (5%)
- उपहार सामग्री (4%)
- अन्य सामान (6%)
सेवाओं के क्षेत्र में मुख्य लाभार्थियों में शामिल हैं:
- बैनक्वेट हॉल और शादी स्थल (5%)
- इवेंट प्रबंधन (5%)
- टेंट सजावट (12%)
- कैटरिंग सेवाएँ (10%)
- पुष्प सजावट (4%)
- परिवहन (3%)
- फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी (2%)
त्यौहारों का बढ़ता महत्व
शादी के मौसम से व्यापारिक गतिविधियाँ क्रिसमस और नए साल के उत्सवों तक जारी रहेंगी। CAIT के वरिष्ठ सदस्य ब्रजमोहन खंडेलवाल ने कहा कि इस समय की शादी के मौसम और त्यौहारों के मेल से भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।