तीरथगढ़ जलप्रपात (Teerathgarh Waterfall) छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में स्थित एक अत्यंत मनमोहक प्राकृतिक स्थल है। यह जलप्रपात अपनी प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगलों और लगभग 300 फीट की ऊँचाई से गिरती जलधारा के कारण पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इसे ‘कांगेर घाटी के जादूगर’ के नाम से भी जाना जाता है।
तीरथगढ़ जलप्रपात की प्रमुख विशेषताएँ
| विशेषता | विवरण |
| स्थान | छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी नेशनल पार्क के अंदर। |
| दूरी | जगदलपुर शहर से लगभग 35 से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित। |
| ऊँचाई | यह जलप्रपात लगभग 300 फीट (91 मीटर) की ऊँचाई से गिरता है और इसे छत्तीसगढ़ का सबसे ऊँचा जलप्रपात माना जाता है। |
| नदी | यह जलप्रपात मुनगा बहार (मुगभर) और बहार नदी पर स्थित है, जो कांगेर नदी की सहायक नदियाँ हैं। |
| स्वरूप | यहाँ की जलधारा अत्यधिक ऊंचाई से गिरते समय दूध के समान सफेद प्रतीत होती है। यह पानी सीढ़ीनुमा प्राकृतिक चट्टानों पर से गिरता हुआ दिखता है। |
| धार्मिक महत्व | जलप्रपात के पास भगवान शिव और पार्वती को समर्पित एक छोटा मंदिर भी स्थित है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी बन जाता है। |
| पर्यटन | यह स्थान नेचर लवर्स, फोटोग्राफर्स और एडवेंचर के शौकीनों के लिए पहली पसंद है। यहाँ पिकनिक का आनंद लिया जा सकता है। |
तीरथगढ़ घूमने का सर्वोत्तम समय
तीरथगढ़ जलप्रपात घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच का होता है, जब मौसम सुहावना रहता है। हालांकि, मानसून (जुलाई से सितंबर) के दौरान यहाँ की हरियाली और जलधारा का प्रवाह चरम पर होता है, लेकिन सुरक्षा कारणों से कई बार प्रवेश बंद कर दिया जाता है।


