पौराणिक कथाओ और प्राकृतिक रूप से मनोहर झलकियां दिखाती राम झरना, अपने आप में एक प्रसिद्ध झरना हैं। राम झरना रायगढ जिले की बारह मॉस जलधारा बहने वाली स्थान हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको राम झरना रायगढ़ के सभी जगहों से अवगत कराएँगे, साथ ही यहां आने-जाने के रास्ते के साथ-साथ, यहाँ आने का बेस्ट समय भी बताएँगे, जिससे आपको यहाँ तक पहुंचने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिला से करीब 18 किमी की दुरी में राम झरना नामक जगह हैं, जहाँ से निरंतर पानी की धारा निकलती रहती हैं। यह जगह पुरातन कालीन व्याख्याओं से भरा हुआ हैं। इस जगह को देखने के लिए आसपास के जिलों के लोग बड़ी संख्या में पिकनिक मनाने और घूमने के लिए सभी मौसम में पहुंचते रहते हैं।
यहाँ आपको पानी निकलती कुंड, नहाने के लिए स्वीमिंग पूल तथा स्वच्छता पूर्ण गार्डन देखने को मिल सकता हैं। रायगढ़ जिला के खरसिया विकासखंड के अंतर्गत आने वाली इस जगह में प्राकृतिक रूप से एक कुंड पर निरंतर पानी निकलती रहती हैं। जिसे राम कुंड के नाम से जाना जाता हैं। कहा जाता हैं की इस कुंड के जल को ग्रहण करने से, शरीर के आतंरिक भाग में स्थित समस्त रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं। यह भी कहा जाता हैं की इस कुंड के जल से स्नान आदि करने से बाह्य रोगो, चर्म रोग जैसे बिमारियों से भी मुक्ति मिल जाती हैं।
घने जंगलो के बीच स्थित की जल से आसपास के गांवो के लगभग सैकड़ों एकड़ तक के भूमि को यह झरना सिंचित कर देती हैं।
राम झरना की पौराणिक कथा कहा जाता हैं- वनवास काल के दौरान भगवान् रामजी, माता सीता और लक्षमण यहाँ से गुजर रहे थे, तब उन्होंने यहां निकल रहे पानी की कुंड से, उन्होंने जल ग्रहण कर, अपनी प्यास बुझाई थी, तभी से इस झरने का नाम राम झरना पड़ा।
एक किवदंती यह भी हैं की भगवन राम, लक्षमण और सीता जी, इस क्षेत्र से होते हुए आगे बढ़ रहे थे, तभी माता जानकी जी को बहुत जोरो से प्यास लगी, कहा जाता हैं, लक्षमण जी और राम जी द्वारा, पानी की बहुत तलाश करने पर, पानी नहीं मिला तब उन्होंने अपनी बाणों से धरती माता को आवाह्न किया, और बाण को धरती पर छोड़ दिया, उसके बाद धरती से जलधारा बहने लगी, तीनो ने अपनी प्यास बुझाई, जिसके बाद से इस जगह का नाम राम झरना पड़ गया।
दोस्तों राम झरना का पानी जमीन से निरंतर निकलने वाली एक कुंड से आती हैं। जिसका बहुत सारे मान्यताएं हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता को आप यहाँ कूच करके ही अहसास कर सकते हैं। यहाँ आप गर्मी, सर्दी और बरसात के कोई भी समय में आ सकते हैं। फिर भी यहाँ होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के समय ही आने की योजना बनाये। भीषण गर्मी के समय भी यहाँ सामान्य से कम तापमान होता हैं, किन्तु पर्यटकों की संख्या नहीं के बराबर होते हैं। आप जब भी यहाँ आने की योजना बना रहे हैं, तो आसपास के लोगो से एक बार अवश्य चर्चा कर लीजियेगा।
शुल्क और समय
यहाँ आने वाले पर्यटकों को वन क्षेत्र में प्रवेश करने से पूर्व ही यहाँ बाइक और अन्य शुल्क काट लिए जाता हैं। जो यहाँ की साफ़- सफाई और सौंदर्यीकरण जैसे कार्यों में लगाया जाता हैं। यहाँ के लिए सायकल शुल्क 05 रु., मोटर सायकल शुल्क 10 रु., तथा कार शुल्क 20रु. लिया जाता हैं। इसके अलावा प्रति व्यक्ति 10रु. की शुल्क लिया जाता हैं। यहाँ जाने का समय प्रात: 8 बजे से संध्या 5 बजे तक होता हैं।
राम झरना रायगढ़ कैसे पहुंचे
रायगढ़ से राम झरना लगभग 15 किमी की दूर पर स्थित हैं। इस जगह तक पहुंचना बहुत ही आसान हैं। हम रायगढ़ जिले तक पहुंचने के लिए विभिन्न माध्यमों के द्वारा यहाँ की दुरी को नीचे प्रदर्शित कर रहे हैं। जो आपको यहाँ तक पहुंचने में मदद कर सकती हैं।
वायु मार्ग – छत्तीसगढ़ राज्य पहुंचने के लिए एकमात्र हवाई अड्डा राजधानी रायपुर में स्थित हैं। जहाँ के लिए आप सभी शहरों से उड़ान भर सकते हैं। यहाँ से रायगढ़ की दुरी 237 किमी हैं।
रेल मार्ग – नजदीकी रेलवे स्टेशन भूपदेवपुर हैं, जहाँ से राम झरना की दुरी महज 6 किमी हैं। इसके अलावा नजदीकी रेल लाइन रायगढ़ में ही स्थित हैं, जहाँ से 18 किमी की दुरी में स्थित हैं। यहाँ के लिए रायपुर, दुर्ग, कोरबा और बिलासपुर जैसे नगरों से प्रतिदिन रेल सुविधा उपलब्ध रहती हैं।
सड़क मार्ग – सड़क मार्ग के द्वारा यहाँ पहुंचना बहुत ही सुविधाजनक हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 49 तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 153 अच्छी तरह जुड़ा हुआ हैं, जिसके कारण यहाँ पहुंचने के लिए किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। खरसिया से बिलासपुर होते हुए बस सुविधा हमेशा उपलब्ध रहती हैं, जो रामझरना एवं भूपदेवपुर से होते हुए गुजरती हैं। हम आपको छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों से राम झरना की दुरी मुहैय्या करा रहे हैं .
रायपुर – 245 किमी
बिलासपुर – 134किमी
कोरबा -97 किमी
अंबिकापुर – 192 किमी