लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
लिंगराज मंदिर ओडिशा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। यह मंदिर भारत के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण शिव मंदिरों में से एक है। यह भगवान शिव को समर्पित है और इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर हिन्दू वास्तुकला और संस्कृति का अद्भुत उदाहरण है।
मुख्य विशेषताएँ
- निर्माण शैली:
- लिंगराज मंदिर कलिंग शैली में बनाया गया है।
- इसमें चार मुख्य भाग हैं:
- विमान (गर्भगृह)
- जगमोहन (सभा मंडप)
- नाटमंडप (नृत्य मंडप)
- भोग मंडप (भोग के लिए स्थान)
- देवता:
- मंदिर के मुख्य देवता भगवान शिव हैं, जिन्हें यहां हरिहर कहा जाता है।
- हरिहर भगवान शिव और विष्णु का संयुक्त रूप है।
- शिवलिंग का नाम स्वयंभु लिंग है, जिसे धरती से प्रकट माना जाता है।
- मंदिर का आकार:
- मंदिर की ऊंचाई लगभग 180 फीट (55 मीटर) है।
- इसकी भव्यता और आकार इसे भुवनेश्वर के अन्य मंदिरों में प्रमुख बनाती है।
- सामग्री और शिल्पकला:
- मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से हुआ है।
- इसमें देवी-देवताओं, मानव आकृतियों, और पशु-चित्रों की सुंदर नक्काशी है।
- जल स्रोत:
- मंदिर के पास बिंदुसागर तालाब है, जिसे पवित्र माना जाता है।
- भक्त यहां स्नान करते हैं और इसे मंदिर का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।
धार्मिक महत्व
- लिंगराज मंदिर शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- महाशिवरात्रि यहां सबसे प्रमुख त्योहार है, जिसमें हजारों भक्त शामिल होते हैं।
- मंदिर परिसर में कई छोटे-छोटे मंदिर भी हैं, जो विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित हैं।
इतिहास और निर्माण
- लिंगराज मंदिर का निर्माण सोमवंशी राजा ययाति के काल में शुरू हुआ और गंगा वंश के शासकों ने इसे पूरा किया।
- इसे 1000-1100 ईस्वी के बीच बनाया गया था।
- यह मंदिर भारतीय स्थापत्य और धार्मिक संस्कृति का प्रतीक है।
मंदिर दर्शन के नियम
- केवल हिंदू भक्तों को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति है।
- गैर-हिंदू पर्यटक मंदिर के बाहर से इसे देख सकते हैं और परिसर का आनंद ले सकते हैं।
आसपास के स्थल
- मुक्तेश्वर मंदिर
- राजारानी मंदिर
- अनंत वासुदेव मंदिर
- बिंदुसागर झील
कैसे पहुँचे?
- हवाई मार्ग: भुवनेश्वर हवाई अड्डा यहां से करीब 6 किलोमीटर दूर है।
- रेल मार्ग: भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर है।
- सड़क मार्ग: यह भुवनेश्वर शहर में स्थित है, इसलिए बस, टैक्सी और ऑटो से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
लिंगराज मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय इतिहास, कला, और संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण है।