रतनपुर, छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है, जो अपनी समृद्ध विरासत, मंदिरों और तालाबों के लिए प्रसिद्ध है। यह बिलासपुर शहर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसे ‘छोटी काशी’ के नाम से भी
इतिहास:
रतनपुर का इतिहास प्राचीन और गौरवशाली है। त्रिपुरी के कलचुरी राजवंश ने इसे अपनी राजधानी बनाकर लंबे समय तक छत्तीसगढ़ में शासन किया। राजा रत्नदेव प्रथम ने रतनपुर की स्थापना की थी।
मुख्य आकर्षण:
- महामाया देवी मंदिर: यह मंदिर देवी दुर्गा और महालक्ष्मी को समर्पित है और 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि यहां सती का दाहिना स्कंध गिरा था। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है, जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है।
- भैरव बाबा मंदिर: मंदिरों की संख्या के कारण स्थानीय रूप से इस स्थान को छोटी काशी भी कहा जाता है। यह स्थान दुल्हरा नदी के तट पर है।
- राम टेकरी और लखनी देवी मंदिर: ये मंदिर भी रतनपुर में विशेष लोकप्रिय हैं और धार्मिक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।
तालाब:
रतनपुर को ‘तालाबों की नगरी’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां अनेक प्राचीन तालाब स्थित हैं, जो नगर की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाते हैं।
पर्यटन:
महामाया देवी मंदिर – 51 शक्तिपीठों में से एक, देवी दुर्गा और महालक्ष्मी को समर्पित
भैरव बाबा मंदिर – शक्ति और तांत्रिक सिद्धियों का प्रमुख स्थल
राम टेकरी मंदिर – भगवान राम को समर्पित ऐतिहासिक मंदिर
लखनी देवी मंदिर – प्राचीन कला और आस्था का प्रतीक
एकलव्य मंदिर – आदिवासी संस्कृति से जुड़ा धार्मिक स्थल
हनुमान मंदिर – भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र
शिव मंदिर – महादेव के विभिन्न रूपों की पूजा के लिए प्रसिद्ध
रतनपुर को “छोटी काशी” कहा जाता है क्योंकि यहां सैकड़ों प्राचीन मंदिर स्थित हैं।
रतनपुर में कदम-कदम पर मंदिर मिलते हैं, जिससे यह धार्मिक पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन गया है। यहां आकर पर्यटक बनारस की याद ताजा कर सकते हैं।
रतनपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक सुंदरता इसे छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाते हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो देख सकते हैं
रतनपुर को “छोटी काशी” कहा जाता है क्योंकि यहां सैकड़ों प्राचीन मंदिर स्थित हैं।